जयपुर। नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी द्वारा सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य कांग्रेस नेताओं के खिलाफ चार्जशीट दायर किए जाने के बाद अब यह मामला राजनीतिक तापमान में तब्दील हो गया है। इस कदम को कांग्रेस ने “कानून के शासन के नाम पर राज्य प्रायोजित अपराध” बताया है। इसी के विरोध में कांग्रेस बुधवार, 16 अप्रैल को दोपहर 12 बजे जयपुर स्थित प्रवर्तन निदेशालय (ED) कार्यालय के बाहर विशाल प्रदर्शन करेगी।पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पार्टी कार्यकर्ताओं और लोकतंत्र में विश्वास रखने वाले नागरिकों से इस विरोध में शामिल होने का आह्वान करते हुए कहा, “यह सिर्फ एक कानूनी मुद्दा नहीं, बल्कि सत्ता द्वारा लोकतांत्रिक विपक्ष की आवाज को दबाने का प्रयास है।
गहलोत ने कहा कि नेशनल हेराल्ड केस में ईडी की चार्जशीट लोकतंत्र को कुचलने की साजिश का अगला भाग है। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ यह मोदी सरकार की बदले की राजनीति का नया हथकंडा है। विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश कभी कामयाब नहीं होगी। कांग्रेस एकजुट है, सच के लिए, अन्याय के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी। गहलोत का बयान इस ओर इशारा करता है कि कांग्रेस अब इस मामले को सीधे ‘लोकतंत्र बनाम सत्ता’ की लड़ाई के रूप में जनता के सामने ला रही है। पार्टी इसे एक राजनीतिक प्रतिशोध मान रही है, जिसमें विपक्ष को निशाना बनाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है।
कांग्रेस का कहना है कि नेशनल हेराल्ड की संपत्ति की जब्ती और आरोप पत्र दाखिल करना कानून का दुरुपयोग है, जो भारत के संवैधानिक मूल्यों पर चोट करता है।राजनीतिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो यह प्रदर्शन सिर्फ एक कानूनी फैसले के खिलाफ प्रतिक्रिया नहीं है, बल्कि बिहार समेत कुछ राज्यों के चुनावों से पहले विपक्ष की व्यापक रणनीति का हिस्सा भी है, जहां कांग्रेस मोदी सरकार को ‘तानाशाही प्रवृत्ति’ से जोड़ने का प्रयास कर रही है। ‘सत्यमेव जयते’ को एक भावनात्मक और वैचारिक अस्त्र बनाकर कांग्रेस इस लड़ाई को अब कोर्ट कक्ष से बाहर सड़कों पर ले आई है जो आने वाले समय में सत्ता और विपक्ष के बीच टकराव को और तीव्र कर सकता है।