नाहरगढ़ : टूटी पुलिया के निर्माण में देरी से बादीपुरा, गीगचा सहित दर्जनों गांवों से टूटा संपर्क

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– वाहनों की आवाजाही बाधित, ट्रैक्टर से निकाला मरीजों को
नाहरगढ़। नाहरगढ़ कस्बे से बादीपुरा,गीगचा जाने वाले मार्ग पर बनी पुलिया दो माह पूर्व जर्जर होने के बाद क्षतिग्रस्त हो गई थी। इसकी शिकायतों के बाद सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। पुलिया के नीचे खाल में मिट्टी डालकर वैकल्पिक मार्ग बना दिया गया था। गत दिनों इस पर से वाहनों की आवाजाही जारी रही। लेकिन लगभग दो माह बीत जाने के बाद भी विभाग द्वारा पुलिया निर्माण का कार्य शुरू नहीं करवाया गया। ऐसे में अब जब बारिश शुरू हो गई है तो आवाजाही बाधित होने लगी है। वर्तमान में मिट्टी वाले रास्ते से निकलना मुश्किल हो रहा है। जिससे कई वाहन चालक फिसल कर चोटिल हो रहे हैं ऐसे में शिकायतों के बाद आनन-फानन में सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा पुलिया पर क्षतिग्रस्त हिस्से को तोड़कर दुरुस्त करने का कार्य शुरू किया। इसके लिए क्षतिग्रस्त हिस्से को तोड़ दिया गया। लेकिन इस दौरान और एक दिन पूर्व हुई क्षेत्र में हुई तेज बारिश की वजह से विभाग द्वारा तैयार किया गया वैकल्पिक मार्ग भी अवरुद्ध हो गया। पुरानी पुलिया के क्षतिग्रस्त स्लैब तोड दी गई। वही बरसात की वजह से नदी में पानी भरने की वजह से बांदीपुरा, गीगचा, लकड़ाई, दुर्जनपुरा समेत दर्जनों गांव का संपर्क नाहरगढ़ कस्बे से पूरी तरह से कट गया। वहीं गुरुवार सुबह हुई बारिश की वजह से आवाजाही बाधित रही। गुरुवार दोपहर को हुई बारिश से हालात और बदतर हो गए ऐसे में दोपहिया व चारपहिया वाहन भी नहीं निकल सके। वाहनों की लंबी कतार लग गई। ऐसे में क्षेत्र के लोगो में भारी रोष व्याप्त हो गया। लोग जैसे तैसे अति आवश्यक कार्य होने पर ट्रैक्टर ट्राली के माध्यम से आवाजाही कर सके ।
गंभीर मरीज को ट्रैक्टर से कराया पार- नाहरगढ़ बादीपुरा, गीगचा का संपर्क कट जाने के बाद वाहनों की आवाजाही बंद होने से गंभीर मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाना भी परिजनों के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। गुरुवार को सुबह एक मरीज को गंभीर अवस्था में लेकर परिजन बारां ले जाने के लिए लेकर आए। लेकिन पुलिया टूटी होने व मार्ग अवरुद्ध होने के कारण वे वहीं रुक गए। जैसे तैसे काफी समय बीत जाने के बाद ट्रैक्टर के माध्यम से मरीज को नदी पार करवाई गई। और अन्य साधनों के द्वारा अस्पताल पहुंचाया ऐसे में मौके पर चिकित्सकों ने भी पहुंचकर हालात देखे। उन्होंने बताया कि वर्तमान हालात में किसी भी गंभीर आपात स्थिति में एंबुलेंस व अन्य सेवाओं का गांव तक पहुंचना बेहद मुश्किल है। ग्रामवासियों ने शीघ्र ही क्षतिग्रस्त स्लैब को पूरी करने की मांग की वही वैकल्पिक मार्ग को गिट्टी के माध्यम से सही कराने की मांग की। ताकि लोगो को राहत मिल सके। आवागमन सुचारू हो सके। सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता एचपी मीणा ने बताया कि विभागीय आदेश प्राप्त होते ही स्लैब का निर्माण कार्य शुरू करवा दिया गया है। वैकल्पिक व्यवस्था हेतु गिट्टी और मिट्टी डलवा कर वैकल्पिक मार्ग को सुव्यवस्थित किया जाएगा ताकि आवागमन सुलभ हो सके। वही फिलहाल क्षतिग्रस्त स्लैब को दुरुस्त करवा कर जल्द ही आवागमन शुरू किया जाएगा।

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