मां वाउचर योजना का हुआ शुभारंभ

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सवाई माधोपुर। मंगलवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राज्य स्तरीय कार्यक्रम में मां वाउचर योजना का शुभारंभ किया।
बजट घोषणा के तहत राज्य की प्रत्येक गर्भवती महिला की गर्भावस्था के अंतर्गत आवश्यक रूप से एक बार सोनोग्राफी सुविधा उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से इस योजना को प्रारंभ किया गया है। मुख्यमंत्री द्वारा कार्यक्रम में गर्भवतियों को मां वाउचर योजना के क्यू आर कोड युक्त कूपन वितरित कर योजना का शुभारंभ किया गया।
योजना के तहत गर्भवती महिला की दूसरी या तीसरी तिमाही में गर्भकाल के दौरान सोनोग्राफी निरूशुल्क कराई जाएगी। इसमें जिले के सभी निजी सोनोग्राफी सेंटरों को जोड़ा जाएगा, ताकि गर्भवती महिलाओं को उन्हीं के क्षेत्र में सोनोग्राफी करवाने की सुविधा मिल सके। इसके अंतर्गत गर्भवती महिला अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी पंजीकृत सोनोग्राफी केन्द्र पर जांच करवा सकेगी। योजना के बारे में जानकारी देते हुए सभी को जानकारी दी गयी कि विभागीय सॉफ्टवेयर पीसीटीएस, पीसीपीएनडीटी इंपैक्ट और ओजस को इंटीग्रेटेड कर ऑनलाइन प्रणाली विकसित की गई है। पीसीटीएस पर पंजीकृत गर्भवती महिलाओं की एलएमपी तारीख के अनुसार दूसरी या तीसरी तिमाही में प्रधानमंत्री मातृत्व अभियान दिवस पर माह की 9, 18 व 27 तारीख को आवश्यक जांच के साथ-साथ सोनोग्राफी जांच करवाने के लिए क्यूआर कोड युक्त कूपन उनके रजिस्ट्रर्ड मोबाइल नंबर पर जारी किया जाएगा। इस कूपन के माध्यम से गर्भवती महिला विभाग से अधिकृत किसी भी निजी सोनोग्राफी केंद्र पर अपनी सोनोग्राफी जांच निरूशुल्क करवा सकेगी। इस योजना में जुड़ने वाले सोनोग्राफी सेंटर्स को प्रति सोनोग्राफी 450 रुपये मिलेंगे।
इसके अलावा पूर्व की भांति सरकारी सोनोग्राफी सेंटर पर निशुल्क सोनोग्राफी जारी रहेगी।
किसी भी जिले में जाकर करवा सकेंगी सोनोग्राफी, वाउचर 30 दिन तक रहेगा वेलिडेट
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. धर्मसिंह मीना ने बताया कि कोई गर्भवती किसी भी जिले में जाकर उस वाउचर के माध्यम से सोनोग्राफी करवा सकती है। वाउचर 30 दिन तक के लिए वैलिड रहेगा, अगर महिला 30 दिन में सोनोग्राफी नही करवाती है तो उसे पुनः अपना क्यू आर कोड एक्टिवेट करवाना होगा।
जिले में मां वाउचर योजना के सफल संचालन के लिए पंजीकृत निजी सोनोग्राफी केन्द्रों का एक दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित कर डॉक्टर्स व सोनोग्राफी सेंटर प्रतिनिधियों को समस्त जानकारी प्रदान की जा चुकी है। इससे पूर्व इस योजना को बूंदी, भरतपुर व बारां में इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में सफलता पूर्वक संचालित किया जा चुका है।

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