बेमिसाल है मोदी की जनता से संवाद शक्ति

ram

देश और दुनिया में यह मानने वालों की कमी नहीं है कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की जनता से संवाद शक्ति बेमिसाल है। भाजपा को चुनावी विजय दिलाने में मोदी का जनता से सीधा और जीवंत संवाद है। जनता से उनका ऐसा ही जीवंत संवाद तब देखने को मिलता है जब वे चुनावी सभाओं को संबोधित करते है।

जनता जनार्दन मोदी मोदी के नारे के साथ उनका करतल ध्वनि से स्वागत करते है। अपनी बेहद अनूठी और मन मोह लेने वाली संवाद कला से लोगों का दिल जीत लेते हैं प्रधानमंत्री मोदी। राजनीतिक समीक्षकों का मानना है आज मोदी जिस शिखर पर हैं, वहां पहुँचने में उनकी संवाद शैली की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने गुजरात के मुख्यमंत्री के कार्यकाल के दौरान मोदी की जन संवाद की इस अनूठी और रोचक विशेषता को पहचान लिया था। संघ को मोदी में भारत का भविष्य दिखाई देने लगा। इसे पहचानकर संघ के शीर्ष नेतृत्व ने तत्काल मोदी को आगे करने का ऐतिहासिक फैसला लिया। और इसमें संघ को सफलता भी मिली।

आज एक स्वयंसेवक देश के सत्ता शिखर पर सवार है। यह मोदी की संवाद शैली का असर है कि चुनावी संग्राम में वे सबसे आगे है। इस समय समूची दुनिया की निगाह भारत के लोकसभा चुनाव और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हैट्रिक पर केंद्रित हो रही है।

चुनाव में मुख्य मुकाबला एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनडीए की कमान संभाल रखी है। चुनाव की विधिवत घोषणा से पूर्व ही उन्होंने देशभर का दौरा शुरू कर दिया था। वे देश के विभिन्न भागों में एक दिन में तीन से चार रैलियां और रोड शो में शामिल हो रहे है। उनका चुनावी जज्बा एक नौजवान की तरह कायम है।

74 साल की उम्र में भी मोदी थके से नहीं लग रहे है और सम्पूर्ण ऊर्जा और उत्साह के साथ लोगों तक अपनी बात पहुंचा रहे है। आज यह कहने में किसी को कोई गुरेज नहीं है कि अकेला मोदी सब पर भारी साबित हो रहा है। राजनीतिक समीक्षकों का कहना है मोदी ने अपनी ही पार्टी के सर्वाधिक मजबूत और कद्दावर नेता वाजपेयी और आडवाणी को लोकप्रियता के पैमाने पर पीछे छोड़ दिया है।

2014 में भाजपा को देश की सत्ता शक्ति के शिखर पर पहुंचाने के बाद मोदी का जादू अनवरत रूप से लोगों के सिर चढकर बोल रहा है और लोकप्रियता में पक्ष या विपक्ष का कोई भी नेता उनके आसपास भी नहीं है। मोदी ने भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाकर विपक्ष को कटघरे में खड़ा कर दिया है। भारतीय राजनीति के लिहाज से 2024 का लोकसभा चुनाव काफी महत्वपूर्ण होने वाला है। इस चुनाव पर दुनियाभर की निगाहें टिकी है। दे

श में लोकसभा चुनाव का शंखनाद होने के साथ ही चुनाव प्रचार में तेजी देखने को मिल रही है। पक्ष और विपक्ष में घमासान छिड़ गया है। आरोपों की नई नई बानगी देखने को मिल रही है। गांव गुवाड़ और चौक चौराहों पर लोग मोदी के 400 पार के नारे की चरचा करते मिल जायेंगे। मोदी को तानाशाह कहने के कांग्रेसी नेताओं के आरोप लोगों के गले नहीं उतर रहे है।

इसलिए यह कहा जा रहा है वर्तमान चुनाव में अकेला मोदी सब पर भारी भारी हो रहा है। जून 2013 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की और से मोदी को प्रधानमंत्री उम्मेदवार घोषित किया गया। जहा कई लोगो ने पहले से ही उन्हें भारत का प्रधानमंत्री मान लिया था। वहीँ कई लोगो का मानना था की मोदी में भारत की आर्थिक स्थिति बदलने का और भारत का विकास करने की ताकत है और अंत में मई 2014 में उन्होंने और उनकी बीजेपी को लोकसभा चुनाव में 534 में से 282 सीट प्राप्त कर एतिहासिक जीत दिलवाई।

नरेंद्र मोदी ने 2014 में और फिर 2019 में भारतीय जनता पार्टी की प्रभावशाली जीत का नेतृत्व किया। मोदी के बारे में एक दिलचस्प तथ्य यह है कि वह पहली बार विधायक के रूप में गुजरात के मुख्यमंत्री बने। इसी तरह वह पहली बार सांसद के रूप में सीधे भारत के प्रधान मंत्री बने।

मुख्यमंत्री से प्रधानमंत्री तक 24 साल का बेमिसाल सफर पूरा करने वाली यह शख्सियत नरेन्द्र दामोदर दास मोदी आज ग्लोबल लीडर के रूप में अपनी पहचान कायम करने में सफल हुए है। मोदी ने कश्मीर में एक ध्व ज, एक निशान और एक संविधान का जनसंघ के पितृ पुरुष का सपना साकार किया। मोदी ने अनेक ऐतिहासिक कार्यों को अंजाम देकर मोदी है तो मुमकिन है की अपनी छवि बनाई।

मोदी संघ के एक विनम्र स्वयं सेवक की तरह देश की नब्ज को पहचानने में सफल हुए। अनेक वैश्विक संस्थाओं ने भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को देश और दुनिया का शानदार नेता और काबिल प्रधानमंत्री घोषित कर उनके कार्यों की भूरी भूरी सराहना की। मोदी में गजब का आत्मविश्वास है।

प्रखर और कुशल वक्ता के रूप में उनकी राष्ट्रीय पहचान है। लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने में उन्होंने अपने नेता अटल बिहारी को भी पीछे छोड़ दिया है। भाजपा के लगभग सभी नेताओं ने उनके करिश्माई नेतृत्व को स्वीकार कर लिया है जिनमें वरिष्ठ नेता भी शामिल है।

-बाल मुकुन्द ओझा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *