नगर निगम में हवाई हमले का मॉक ड्रिल, घायलों को आरबीएम अस्पताल पहुंचाया गया

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भरतपुर। सायरन की आवाज के साथ ही पुलिस, प्रशासन की दौडती गाडियों, एम्बूलेंस व फायर ब्रिगेड के वाहनों से गुंजती सायरनों की आवाज सुनकर शहर के नागरिकों में अनायास ही कौतुहल पैदा हो गया। बिजलीघर से मथुरागेट तक सायरनों की आवाज सुनकर हर कोई बचाव की मुद्रा में आ गया तो हवाई हमले के बाद घायलों एवं प्रभावितों को बचाने के लिए जिला प्रशासन के 14 विभाग सक्रिय हो गये। मौका था ऑपरेशन अभ्यास के तहत संभावित हवाई हमले से बचाव के मॉकड्रिल का।
नगर निगम कार्यालय परिसर में बुधवार को शाम 4 बजे एक मॉकड्रिल का आयोजन किया गया। यह मॉकड्रिल नगर परिषद में दुश्मन देश के हवाई हमले में बम विस्फोट की स्थिति में मौके पर राहत एवं बचाव कार्य, घायलों को त्वरित रूप से अस्पताल पहुंचाने और अस्पताल की आपातकालीन व्यवस्थाओं की तैयारियों का जायजा लेने के उद्देश्य से की गई। नगर निगम परिसर में टायर जलाकर विस्फोट के साथ मॉक ड्रिल की शुरुआत हुई, जिसके तत्काल बाद सायरन बजने लगे, जिला पुलिस कंट्रोल रूम को हवाई हमले की सूचना दी गई। पुलिस, एसडीआरएफ, सिविल डिफेंस की टीम मौके पर पहुॅची। पुलिस टीम द्वारा दुश्मन देश के विमान की तरफ फायर कर उसे खदेडा गया। तत्काल प्रभाव से एम्बुलेंस और पुलिस की गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। मॉक ड्रिल में घायल हुए लोगों को दो एम्बुलेंस के माध्यम से आरबीएम अस्पताल पहुंचाया गया। मौके पर पहुॅची फायर ब्रिगेड की टीम द्वारा आग बुझाने की कार्यवाही को अंजाम दिया गया। सिविल डिफेंस की टीम द्वारा रस्सों की सहायता से दो मंजिला भवन की छत से घायलों को नीचे उतारने का सजीव प्रदर्शन करते हुये अस्पताल पहुॅचाया गया।
प्रशासनिक अधिकारियों ने संभाली कमान
हवाई हमले की सूचना मिलते ही जिला कलक्टर डॉ. अमित यादव, जिला पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छावा ने मौके पर पहुॅचकर बचाव एवं राहत कार्यों का जायजा लेकर टीम की सक्रियता को परखा। सीओ सिटी पंकज यादव के नेतृत्व मंे पुलिस टीम ने मोर्चा संभालकर दुश्मन देश के विमान को हवाई फायर कर खदेडा। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सतीश यादव के नेतृत्व में पुलिस जाप्ता द्वारा आसपास जमा भीड को हटाते हुये संभावित हमले से बचाव के लिये एसओपी की पालना के निर्देश दिये। एडीएम प्रशासन घनश्याम शर्मा, शहर राहुल सैनी, आयुक्त नगर निगम श्रवण कुमार ने बचाव राहत कार्यों की टीम के साथ समन्वय का कार्य किया।
अस्पताल पहुंचने पर, घायलों को तुरंत ट्राइएज क्षेत्र में ले जाया गया, जहां डॉक्टरों और नर्सों की टीम ने उनकी प्राथमिक जांच की और उन्हें उनकी चोटों की गंभीरता के अनुसार विभिन्न वार्डों में भेजा गया। इस दौरान अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में तेजी और समन्वय देखा गया। डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ ने मॉकड्रिल में घायल हुए लोगों को तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान की।
इस दौरान जिला कलक्टर और जिला पुलिस अधीक्षक भी अस्पताल पहुंचे और उन्होंने अस्पताल की आपातकालीन व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने अस्पताल के विभिन्न वार्डों का निरीक्षण किया और घायलों के इलाज में जुटे डॉक्टरों और नर्सों से बातचीत की। जिला कलक्टर ने अस्पताल प्रशासन से व्यवस्थाओं के बारे में विस्तृत जानकारी ली और आवश्यक फीडबैक भी दिया।
मॉक ड्रिल के अंत में जिला कलक्टर ने कहा कि यह मॉकड्रिल आपदा प्रबंधन की तैयारियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। उन्होंने अस्पताल प्रशासन और सभी संबंधित विभागों के समन्वय और तत्परता की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस तरह की मॉकड्रिल से किसी भी आपात स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटने की हमारी क्षमता बढ़ती है। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी इस तरह की मॉक ड्रिल आयोजित की जाती रहेंगी ताकि आपात स्थिति के लिए जिला प्रशासन तैयार रहे।
जिला पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस मॉक ड्रिल से उन्हें अपनी आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली की कमियों को पहचानने और उन्हें दूर करने में मदद मिलेगी। यह मॉक ड्रिल नगर परिषद और जिला प्रशासन के आपदा प्रबंधन की तैयारियों को दर्शाती है और यह संदेश देती है कि किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए सभी विभाग पूरी तरह से सतर्क और तैयार हैं।
मॉक ड्रिल के दौरान एसडीएम राजीव शर्मा, सीओ ग्रामीण आकांक्षा शर्मा, सीएमएचओ डॉ. गौरव कपूर, पीएमओ डॉ. नगेन्द्र भदोरिया पुलिस प्रशासन एवं समस्त चौदह विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

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