घरेलू सत्र से पहले बीसीसीआई के अधिकारियों और राज्य संघों के प्रतिनिधियों की बैठक

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सचिव जय शाह सहित भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के अधिकारियों और राज्य संघों के प्रतिनिधियों ने सोमवार को यहां एक अनौपचारिक बैठक की जिसमें ‘विचारों का आदान-प्रदान’ किया गया और घरेलू क्रिकेट के नए ढांचे पर चर्चा की गई।
भारत का घरेलू सत्र 2024-25 दलीप ट्रॉफी के साथ पांच सितंबर से शुरू होगा। उसके बाद ईरानी कप और फिर रणजी ट्रॉफी होगी जिसे पहली बार दो हिस्सों में विभाजित किया गया है। ऐसा उत्तर भारत में सर्दियों में खराब मौसम से निपटने और खिलाड़ियों को मैचों के बीच आराम और उबरने के लिए अधिक समय देने के उद्देश्य से किया गया है। यहां वानखेड़े स्टेडियम में बीसीसीआई मुख्यालय में हुई बैठक में बोर्ड ने नए प्रारूप पर राज्य संघों से उनकी प्रतिक्रिया भी मांगी।

राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) के प्रमुख वीवीएस लक्ष्मण, भारत के मुख्य कोच राहुल द्रविड़, चयन समिति के अध्यक्ष अजीत अगरकर और कप्तान रोहित शर्मा की सिफारिशों पर नए प्रारूप को लागू किया गया है। बीसीसीआई का लक्ष्य एक साल बाद इसकी समीक्षा करना है। बोर्ड की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘बैठक में 2023-24 के सबसे व्यस्त क्रिकेट सत्र के आयोजन में राज्य संघों के सराहनीय प्रयासों पर प्रकाश डाला गया जिसमें विश्व कप 2023, आईपीएल, डब्ल्यूपीएल के साथ-साथ विभिन्न अंतरराष्ट्रीय द्विपक्षीय श्रृंखलाएं और एक पूर्ण घरेलू क्रिकेट सत्र शामिल है।’’

राज्य संघों से आने वाले सत्र में खिलाड़ियों के लिए और अधिक प्रयास करने का आग्रह किया गया जबकि उन्हें बेंगलुरू में नए उत्कृष्टता केंद्र के विकास और पूर्वोत्तर राज्यों, पटना और जम्मू में इनडोर अकादमियों की स्थापना के बारे में जानकारी दी गई।

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