चित्तौड़गढ़। जिला कलेक्टर आलोक रंजन की अध्यक्षता में शुक्रवार को डीआरडीए हॉल में बैंक समन्वयकों और सरकारी विभागों की एक विशेष बैठक आयोजित की गई। इस बैठक का उद्देश्य सरकारी वित्तीय योजनाओं की प्रभावशीलता को बढ़ाना था। बैठक में जिला कलेक्टर ने बैंकिंग सेवाओं से संबंधित शिकायतों को दूर करने और नागरिकों की संतुष्टि बढ़ाने के उपायों पर बैंकों को निर्देशित किया। बैठक में सरकारी योजनाओं के तहत ऋण वितरण में तेजी लाने और समय पर ऋण वितरण सुनिश्चित करने, कमजोर वर्गों को समर्थन प्रदान करने, ऋण स्वीकृति और वितरण प्रक्रिया में पारदर्शिता को बढ़ावा देने, ग्रामीण नागरिकों में वित्तीय साक्षरता और जागरूकता बढ़ाने के उपायों पर चर्चा की गई।
जिला कलक्टर ने सरकारी योजनाओं के तहत बैंकों के प्रदर्शन का मूल्यांकन करने के निर्देश दिए। जिला कलक्टर ने किसान उत्पादक संगठन योजना के कार्यान्वयन की समीक्षा भी की एवं इसमें आने वाली चुनौतियों और उनके समाधान पर विभागों, बैंक कर्मियों और सीबीबीओ को निर्देशित किया।
जिला कलक्टर ने योजनाओ के अंतर्गत ऋण आवेदनों को अविलंभ निस्तारित करने के निर्देश दिए । उन्होंने कहा कि स्वरोजगार के लिए लोन व्यक्ति की जीविका उपार्जन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और इन्हें प्राथमिकता के साथ लोन उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने एफपीओ के अंतर्गत सदस्यों की संख्या बढ़ाने, समय पर क्रेडिट दिलवाने, उत्पादों की ब्रांडिंग करवाने सहित आवश्यक दिशा निर्देश दिए ।
बैठक में मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनय पाठक, नाबार्ड प्रबंधक महेंद्र डूडी, डीपीएम राजीविका डॉ महेंद्र मेहता, जिला उद्योग केंद्र महाप्रबंधक राहुल देव सिंह, संयुक्त निदेशक कृषि विस्तार दिनेश कुमार जागा, महिला अधिकारिता विभाग से राकेश तंवर सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी, बैंकों और एफपीओ के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।