वृंदावन का बांके बिहारी मंदिर भक्तों के लिए बेहद खास है। यहां पर हर रोज भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है। वैसे तो इस मंदिर को लेकर कई रहस्य हैं, लेकिन इस मंदिर से जुड़ा एक अनोखा सच आपको सोचने पर मजबूर कर देगा। आज हम आपको बांके बिहारी मंदिर में होने वाली मंगला आरती के बारे में बताने जा रहे हैं, जो इस मंदिर में नहीं होती है। वैसे तो हर मंदिर में मंगला आरती होती है, लेकिन बांके बिहारी मंदिर में रोजाना सुबह मंगला आरती का आयोजन नहीं होता। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि बांके बिहारी मंदिर में मंगला आरती क्यों नहीं होती है।
पौराणिक कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, बांके बिहारी मंदिर रोज मंगला आरती नहीं होती है। क्योंकि रात के समय ठाकुर जी निधिवन में गोपियों संग रास रचने के लिए जाते हैं। फिर वह रात के तीसरे पहर में ठाकुर जी मंदिर पहुंचते हैं। इस मंदिर में ठाकुर जी की बाल रूप में सेवा होती है। इसी वजह से उनको सुबह देर से उठाया जाता है। बांके बिहारी मंदिर में आरती की शुरुआत ठाकुर जी का श्रृंगार करके श्रृंगार आरती से होती है।
कब होती है मंगला आरती
बता दें कि जन्माष्टमी का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। वहीं ब्रज वासियों के क्षेत्र में इस पर्व की अलग ही रौनक देखने को मिलती है। जन्माष्टमी के दिन मंगला आरती का आयोजन किया जाता है। इस दिन सबसे ज्यादा भक्त आरती में शामिल होते हैं। जन्माष्टमी पर रात 12 बजे श्रीबांके बिहारी जी का अभिषेक किया जाता है और फिर इसके बाद मंगला आरती की जाती है। दरअसल, इस दिन श्रीकृष्ण रास रचाने के लिए निधिवन नहीं जाते हैं।