जयपुर। निरामय राजस्थान अभियान के तहत आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं और मानसिक स्वास्थ्य की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम इकाई, जयपुर प्रथम द्वारा यूनिसेफ के सहयोग से एक दिवसीय ‘मनदर्पण गेटकीपर प्रशिक्षण’ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सीएमएचओ जयपुर प्रथम डॉ. रवि शेखावत ने की। कार्यक्रम में यूनिसेफ प्रतिनिधि विनोद व्यास ने शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों से आए बीसीएमओ, ब्लॉक हेल्थ सुपरवाइजर एवं सेक्टर हेल्थ सुपरवाइजरों को ‘मनदर्पण यानी किशोरों में सकारात्मक मानसिक कल्याण’ विषय पर प्रशिक्षित किया।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जयपुर प्रथम डॉ. रवि शेखावत ने बताया कि समाज में आत्महत्या के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। तनाव के कारणों को समय रहते पहचानना और प्रबंधन करना बेहद आवश्यक है। उन्होंने बताया कि व्यक्ति यदि अपने तनाव के कारणों को समझ ले तो वह काफी हद तक उससे उबर सकता है। जिला नोडल अधिकारी एवं मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. गजानंद वर्मा ने ‘आत्महत्या रोकथाम में गेटकीपर की भूमिका’ पर संबोधित करते हुए बताया कि प्रशिक्षित गेटकीपर ऐसे व्यक्तियों की पहचान कर सकेंगे जो तनाव, अवसाद या निराशा की स्थिति में हों और समय रहते उन्हें सही मार्गदर्शन देकर आत्महत्या जैसे कदम से रोका जा सकेगा।
प्रशिक्षण के दौरान
डॉ. राजेश शर्मा, डॉ. विजय चौधरी और डॉ. गोपाललाल मीणा ने मानसिक स्वास्थ्य की जरूरत और उसकी रोकथाम पर जानकारी दी।
साइकेट्रिक नर्सिंग ऑफिसर संजय मित्तल ने टेली-मानस हेल्पलाइन 14416 के बारे में बताया और कहा कि अवसाद, चिंता या भावनात्मक परेशानी का सामना कर रहे छात्र घर बैठे विशेषज्ञों से तुरंत सलाह ले सकते हैं। कार्यक्रम में श्री राम यादव एवं मनीष वाल का महत्वपूर्ण सहयोग रहा। इस प्रशिक्षण के माध्यम से समुदाय स्तर पर आत्महत्या रोकथाम हेतु सजग और सक्षम गेटकीपर तैयार करने की दिशा में एक अहम पहल की गई।