मातृभूमि के लिए समर्पण का प्रतीक हैं महाराणा प्रताप : बुनकर

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दौसा। भारत स्काउट गाइड जिला मुख्यालय द्वारा आयोजित अभिरुचि एवं प्रशिक्षण शिविर राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय रामकुंड दौसा में महाराणा प्रताप जयंती मनाई गई।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि उप प्रधानाचार्य जगदीश बुनकर ने कहा कि महाराणा प्रताप भारतीय इतिहास के एक ऐसे महानायक हैं, जिनकी वीरता, स्वाभिमान और मातृभूमि के प्रति अटूट समर्पण आज भी प्रेरणा का स्रोत हैं। उनका जीवन संघर्ष, त्याग और आत्मसम्मान की मिसाल है, जो मुगलों के विस्तारवादी नीतियों के विरुद्ध अडिग प्रतिरोध का प्रतीक बन गया।

प्राध्यापक बृज मोहन मीना ने बताया कि भारत के इतिहास में जब भी वीरता, आत्मगौरव और स्वतंत्रता की बात होती है, तो एक नाम सबसे पहले जुबान पर आता है महाराणा प्रताप। वे न केवल एक महान योद्धा थे, बल्कि उन्होंने अपने सिद्धांतों के लिए अपने प्राणों तक की बाजी लगा दी।

शिविर संचालक संजीव रावत ने कहा कि महाराणा प्रताप भारतीय इतिहास में एक महानायक के रूप में स्मरण किए जाते हैं। उनकी वीरता और स्वाभिमान की गाथाएं आज भी राजस्थान और भारत के अन्य हिस्सों में लोककथाओं, गीतों और साहित्य में जीवित है।

सीओ स्काउट प्रदीप सिंह ने कहा कि भारत की भूमि महान योद्धाओं की भूमि रही है, जिन्होंने भारत की एकता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ऐसे ही एक योद्धा थे महाराणा प्रताप, जो राजपूतों के सिसोदिया वंश से संबंध रखते थे। महाराणा प्रताप जी की जयंती के मौके पर उन्हें उनके बहादुरी, साहस व योगदान के लिए याद किया जाता है। ऐसे में चलिए जानते हैं उनसे जुड़ी कुछ ऐसी बातें, जो आपको अंदर साहस और बहादुरी की उमंग भर देंगी।

कार्यक्रम में नरेश शर्मा, विष्णु शर्मा , गरिमा ,मधु गुप्ता ,राजीव त्रिवेदी, सुरेश विजय, हरिओम शर्मा, कुलदीप राजपूत ,कालूराम प्रजापत अंकित तथा अन्य रेंजर्स रोवर्स सहित गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। इस अवसर पर बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा रंगोली प्रतियोगिता में भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन विष्णु शर्मा ने किया।

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