नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान गुरुवार को लोकसभा में भारी हंगामे के बीच ‘भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण)’ यानी VB-जी राम-जी विधेयक पारित कर दिया गया। विपक्षी दलों के कड़े विरोध और नारेबाजी के बावजूद यह बिल ध्वनि मत से पास हुआ। कार्यवाही के दौरान विपक्षी सांसदों ने विधेयक की प्रतियां फाड़कर सदन में उछाल दीं और वेल में पहुंचकर विरोध जताया। बिल पर चर्चा के दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि कांग्रेस ने कभी महात्मा गांधी के विचारों को सही मायने में नहीं अपनाया, जबकि मौजूदा सरकार गांधीजी के सिद्धांतों पर चलने का दावा करती है। उन्होंने कहा कि आज़ादी के बाद गांधीजी ने कांग्रेस को भंग करने की बात कही थी और विशेष दर्जा जैसे फैसलों को संविधान की भावना के खिलाफ बताया। शिवराज सिंह चौहान ने आरोप लगाया कि कांग्रेस शासन में मनरेगा में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ और फंड का दुरुपयोग किया गया। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने उन खामियों को दूर कर विकास कार्यों पर सही तरीके से धन खर्च किया है। केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार किसी के साथ भेदभाव नहीं करती और यह विधेयक किसानों, मजदूरों और गरीब वर्ग के कल्याण के लिए लाया गया है।
वहीं विपक्ष का आरोप है कि यह विधेयक केवल नाम बदलने तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे रोजगार की गारंटी कमजोर होगी। विपक्षी दलों ने मांग की थी कि इस कानून को संसद की स्थायी समिति के पास भेजा जाए, लेकिन सरकार ने इसे स्वीकार नहीं किया।
गौरतलब है कि इससे पहले बुधवार को VB-जी राम-जी बिल पर लोकसभा में करीब 14 घंटे तक लंबी चर्चा हुई थी, जो देर रात 1:35 बजे तक चली। चर्चा में 98 सांसदों ने हिस्सा लिया। यह नया विधेयक करीब 20 साल पुराने मनरेगा कानून की जगह लेने जा रहा है।

जोरदार हंगामे के बीच ‘VB-जी राम जी’ बिल लोकसभा में पारित
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