Haryana की तरह क्या महाराष्ट्र में भी कांग्रेस को बड़ा झटका लगेगा? या 20 अक्टूबर को खोलेगी अपना पहला ‘पत्ता’

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महाराष्ट्र के चुनावी समर में 288 सीटों के लिए भिड़ंत 20 नवंबर को होगी। एक तरफ एनडीए गठबंधन जिसे महाराष्ट्र में महायुति के नाम से भी जानते हैं। दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन वाली महा विकास अघाड़ी है। उत्तर प्रदेश के बाद देश में दूसरे नंबर की लोकसभा और विधानसभा सीट महाराष्ट्र से आती हैं। यानी राजनीति के लिहाज से दूसरा सबसे बड़ा राज्य महाराष्ट्र है। लेकिन ये चुनाव थोड़ा अलग है। कुछ बाते पहली बार महाराष्ट्र के चुनाव में हो रही है। शिवसेना और एनसीपी के दो फाड़ होने के बाद ये पहला विधानसभा चुनाव है। शरद पवार और अजित पवार गुट अलग अलग होकर तो उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे की शिवसेना अलग अलग होकर मैदान में उतरेंगी। किसी विधानसभा चुनाव में ये भी पहली बार हो रहा है कि कांग्रेस और शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट साथ साथ चुनाव लड़ेंगे। सालों साल महाराष्ट्र की सत्ता पर काबिज रहने वाली कांग्रेस अपना 10 वर्षों का सूखा खत्म करने के मिजाज के साथ मैदान में होगी।

कांग्रेस आगामी 20 अक्टूबर को केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक करेगी। इस बैठक में राज्य के उम्मीदवारों की लिस्ट को फाइनल किया जाएगा। महाराष्ट्र में कांग्रेस चौथे नंबर की पार्टी बन गई थी। लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में उसने वापसी की। हालिया आम चुनाव में सबसे ज्यादा सीटें कांग्रेस ने जीती हैं। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में से 17 पर चुनाव लड़ा था और 13 सीटें जीतने में कामयाब रही। 2019 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो कांग्रेस ने महाराष्ट्र में सिर्फ एक सीट हासिल की थी, लेकिन इस साल 13 सीटें जीत लीं। इससे न सिर्फ कांग्रेस का आत्मविश्वास बढ़ा है, बल्कि उसकी अपने सहयोगियों के साथ बार्गेनिंग पॉवर भी बढ़ी है। अब सवाल ये है कि 2024 के विधानसभा चुनाव में भी लोकसभा वाला इफेक्ट दिखेगा या फिर जैसे हरियाणा में हुए चुनाव में न केवल लोकसभा में हुए नुकसान की भरपाई करती बीजेपी नजर आई बल्कि खुद सत्ता की हैट्रिक भी लगाने में कामयाब हो गई।

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