कोटड़ी : सिंचाई विभाग प्रदेश में मानसून की दस्तक जिले में 20 जून से 25 जून के बीच

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कोटड़ी। सिंचाई विभाग प्रदेश में मानसून की दस्तक जिले में 20 जून से 25 जून के बीच हो सकती है। मानसून को देखते हुए सिंचाई विभाग बांध ओर तालाबों के रखरखाव संबंधित कार्यों को अंतिम रूप देने में लग गए हैं। इसके अलावा मानसून के दौरान बाढ़ के हालात से निपटने के लिए सभी बांध ओर तालाबों की नियमित निगरानी की भी व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए सिंचाई विभाग के कार्यालय में कंट्रोल रूम का भी संचालन शुरु कर दिया गया है। वहीं पुष्कर से विधायक सुरेश सिंह रावत के सिंचाई मंत्री का फायदा जिले भर के किसानों को मिल रहा है। विभाग के अधिकारियो की सतर्कता बरती जा रही है। वहीं किसान नेता बालू राम भींचर ने बताया कि कई तालाबों की जर्जर हालत है जो बिना निगरानी के घातक हो सकती है। सिंचाई विभाग को बिना भेदभाव के तालाबों की नियमित निगरानी ओर मरम्मत कार्य करवाने चाहिए। जहां भूजल स्तर काफी नीचे चला गया है। सिंचाई विभाग के अंतर्गत करीब पांच हजार से अधिक गवाई तालाब, नाडी नाडीया आती है। इनमे करीब 100 तालाब करीब 300 हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई क्षमता वाले हैं। यह तालाब पूर्व में पंचायतराज विभाग को सौप दिए गए थे। इनकी देखभाल का जिम्मा ग्राम पंचायतों का ही है। सिंचाई विभाग के अधीन जिले में बने तीन सौ हेक्टयर सिंचाई क्षमता वाले 56 तालाब, बांध परियोजनाएं है। इनमें से सिंचाई खंड प्रथम के अधीन 32 तथा सिंचाई खंड दितीय में 24 बांध परियोजनाएं हे। इनमे स्र्वाधिक 704 एम सी एफ टी मिलियन क्यूबिक फीट भराव क्षमता वाला नारायन सागर जालिया बांध है जहां गत दिनों मुख्य मंत्री भजन लाल शर्मा ने वंदे गंगा जल अभियान के तहत बहुत बड़ा कार्यक्रम किया जहां पौधारोपण अभियान चलाया गया। दो सौ एम सी एफ टी भराव क्षमता वाले मदन सरोवर धानमा, पारा प्रथम ओर बिसुंदनी ओर मुंडेती सरोवर बांध परियोजनाएं भी है। जहां से सेखड़ो हेक्टयर भूमि पर सिंचाई की जाती है। ग्रामीण क्षेत्रों में तालाबों में पानी के आवक रास्तों पर प्रभावशाली लोगों द्धारा अतिक्रमण कर लिया गया है। जिसके चलते पानी तालाब नाडी तक नहीं पहुंच पाता है। अत्यधिक बारिश में फिर बाढ़ के हालात पैदा हो जाते है। सिंचाई विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि वंदे गंगा जल अभियान में विभाग सभी तालाबों, बांध परियोजनाओ की टूट फूट की मरम्मत का काम इस अभियान के तहत किया जा रहा है। विभाग द्वारा तालाबों और बांध के चैनल गेट की ओयलिंग गिरशीग कराई गई है। ताकि मानसून में अतिवर्स्टी के हालात में पानी की आवक भराव क्षमता से अधिक होती है तो इन्हे खोलकर पानी की निकासी की जा सके। सिंचाई विभाग के सभी कर्मचारियों द्वारा मानसून में पुरी तरह से सतर्क रहकर तालाबो ओर बांध की निगरानी करेगें।

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