कोटा। जिला कलक्टर पीयूष समारिया ने उपखंड अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि कहीं भी जर्जर भवन में कोई मानव गतिविधि संचालित ना हो, यह सुनिश्चित करें। अपने-अपने क्षेत्र में तकनीकी विशेषज्ञ युक्त संयुक्त टीम से जर्जर भवनों का चिह्नीकरण कर सूची शीघ्र भिजवाएं। यदि कहीं जर्जर भवन उपयोग में आ रहे हैं तो उन्हें तुरंत प्रभाव से उपयोग के लिए प्रतिबंधित किया जाए। जिला कलक्टर ने गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित राजस्व अधिकारियों की बैठक में यह निर्देश दिए। जिला कलक्टर ने कहा कि लगातार वर्षा को देखते हुए जर्जर भवनों के मुद्दे को अतिगंभीरता से लेते हुए प्राथमिकता से इनके चिह्नीकरण का कार्य किया जाए। उपयोग में आ रहे ऐसे भवनों को प्रतिबंधित कर वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित की जाएं। उन्होंने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, पशुपालन विभाग, जेवीवीएनएल, पर्यटन एवं अन्य विभागों से संबद्ध बजट घोषणाओं एवं अन्य योजनाओं-परियोजनाओं के लिए भूमि आवंटन की समीक्षा की और निर्देश दिए कि जल्दी-जल्दी से भूमि का चिह्नीकरण कर प्रस्ताव भिजवाए जाएं तथा केडीए क्षेत्र में भूमि के लिए निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार केडीए को आवेदन किया जाए। बैठक में विभिन्न विभागों को भूमि आवंटन के संबंध में निर्देश दिए गए। विभिन्न परियोजनाओं में भूमि अवाप्ति संबंधी प्रकरणों की समीक्षा कर निर्देश दिए कि ऐसे प्रकरणों का शीघ्र निपटारा कर मुआवजे का वितरण किया जाए। आवश्यक होने पर इस कार्य के लिए शिविर भी लगाए जाएं। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना एवं पेंशन योजना में सत्यापन की प्रक्रिया जल्द से जल्द पूर्ण कर अपात्रों को हटाने और लाभार्थियों को लाभान्वित करने के निर्देश दिए। सभी उपखंड अधिकारियों को गिव-अप अभियान में गति लाने के निर्देश देते हुए कहा कि कोई भी अपात्र योजना का लाभ न उठा सके और कोई वास्तविक पात्र वंचित भी न रहे।
जिला कलक्टर ने राजस्व वसूली की समीक्षा कर इस कार्य में गति लाने और लक्ष्य पूरे करने के निर्देश दिए। बैठक में एडीएम प्रशासन मुकेश चौधरी, एडीएम सीलिंग कृष्णा शुक्ला, एडीएम सिटी अनिल सिंघल, केडीए आयुक्त कुशल कोठारी, सभी उपखंड अधिकारी, तहसीलदार एवं अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

कोटा : कोई जर्जर भवन उपयोग में न आए, यह सुनिश्चित करें, राजस्व अधिकारियों की बैठक में दिए निर्देश
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