कोटा। राज्य सरकार द्वारा संचालित गिव-अप अभियान के तहत कोटा जिला कलक्टर पीयूष समारिया ने अपात्र लाभार्थियों से स्वेच्छा से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (छथ्ै।) के तहत प्राप्त लाभ को त्यागने की अपील की है, ताकि वे वास्तविक पात्र व जरूरतमंद परिवार इस योजना से लाभान्वित हो सकें जो अभी तक इससे वंचित हैं। जिला कलक्टर द्वारा जारी अपील में कहा गया है कि सरकार की मंशा अपात्र लाभार्थियों पर कठोर कार्रवाई करने की नहीं है, बल्कि उन्हें स्वेच्छा से योजना से बाहर होने का अवसर देने की है। उन्होंने कहा कि जिन परिवारों के पास चार पहिया वाहन या महंगे व्यावसायिक वाहन (जिनकी अनुमानित कीमत 10 लाख या उससे अधिक हो), बड़े पक्के मकान, एयर कंडीशनर, अत्यधिक बिजली बिल, बड़ी कृषि भूमि अथवा विरासत में प्राप्त संपत्ति है, वे इस खाद्य सुरक्षा योजना के तहत पात्र नहीं हैं। इसके अलावा जिन परिवारों में कोई सदस्य सरकारी सेवा में है या निजी क्षेत्र में एक लाख रुपए से अधिक मासिक वेतन या पेंशन प्राप्त करता है, वे भी योजना से बाहर होने के योग्य हैं। इसी प्रकार वृद्धावस्था पेंशनधारी के राशन कार्ड में जुड़े ऐसे आर्थिक रूप से सक्षम सदस्य जो अनाधिकृत रूप से योजना का लाभ ले रहे हैं, उन्हें भी इस सूची से नाम हटवाना चाहिए। खाद्य सुरक्षा सूची से स्वेच्छा से नाम हटवाने वाले लाभार्थी भविष्य में संभावित प्रशासनिक कार्रवाई जैसे गेहूं की वसूली आदि से बच सकेंगे। साथ ही, इससे उन सैकड़ों जरूरतमंद परिवारों को लाभ मिलेगा जो पात्र होते हुए अभी तक योजना के लाभ से वंचित हैं। जिला कलक्टर ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे ईमानदारी और सामाजिक उत्तरदायित्व का परिचय देते हुए स्वेच्छा से अपने नाम हटवाकर जरूरतमंदों के लिए स्थान सुनिश्चित करें।

कोटा : जिला कलक्टर की आमजन से अपील-स्वेच्छा से त्यागें खाद्य सुरक्षा का लाभ
ram


