जोधपुर : विक्टोरियन पैलेस में पारंपरिक उल्लास और आधुनिक रंगों से सजा तीस उत्सव एव सावन महोत्सव

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– रैम्प वॉक, लहरिया थीम डांस और हाउजी ने बढ़ाया कार्यक्रम का आकर्षण
जोधपुर। विक्टोरियन पैलेस के बैंकेट हॉल में सोमवार को महिलाओं के विशेष पारंपरिक पर्व तीज उत्सव एवं सावन महोत्सव का भव्य आयोजन हर्षाेल्लास एवं सांस्कृतिक गरिमा के साथ संपन्न हुआ। ‘तीज उत्सव 2025’ के इस आयोजन में विक्टोरियन पैलेस की समस्त महिला सदस्याओं ने रंग-बिरंगे परिधानों में सुसज्जित होकर उत्सव को उत्साह एवं एकजुटता के साथ मनाया।
लहरिया थीम में बिखरे राजस्थानी लोक रंग- लहरिया मोटना ड्रेस कोड में सजी महिलाओं ने जब मंच पर राजस्थानी लहरिया डांस प्रस्तुत किया, तो पूरा सभागार तालियों की गूंज से गूंज उठा। संजू लोढ़ा, महुवा, आशा भंडारी, रेखा, रितु और इला ओझा की टीम ने सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुति देकर प्रथम स्थान प्राप्त किया।
रैम्प वॉक में दिखी आत्मविश्वास और सौंदर्य की छटा- कार्यक्रम की मुख्य आकर्षण रहीं दो श्रेणियों में आयोजित रैम्प वॉक प्रतियोगिताएँ, जिनमें महिलाओं ने आत्मविश्वास, आभा और परिधान की सादगी के संग मंच पर अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज करवाई।
50 वर्ष से कम उम्र वर्ग में- सुरेखा ने प्रथम स्थान, स्वेता ने द्वितीय, तथा शिल्पा मेहता ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
50 वर्ष से अधिक उम्र वर्ग में- रितु ने प्रथम स्थान, बीना ने द्वितीय, एवं इला ओझा ने तृतीय स्थान हासिल किया।
समूह गेम ‘हाउजी’ में भी दिखा उत्साह- महिलाओं के बीच परस्पर सामंजस्य और मनोरंजन को बढ़ावा देते हुए ‘हाउजी’ ग्रुप गेम का आयोजन किया गया, जिसमें सभी प्रतिभागियों ने बड़े उत्साह से भाग लिया।
कार्यक्रम में विजेता प्रतिभागियों को अशोक ज्वैलर्स, प्रियल साड़ी, सतीश किराणा, दीपिका मेहंदी, बीना पार्लर आदि प्रतिष्ठानों द्वारा उपहार व गिफ्ट वाउचर प्रदान किए गए। यह प्रतिभागियों के उत्साहवर्धन का प्रतीक बना।
समर्पित आयोजन समिति की रही सराहनीय भूमिका- इस संपूर्ण आयोजन को सफलतापूर्वक संपन्न कराने में गितेश जी, नेहा मंत्री, आशा भंडारी, संजू लोढ़ा, निकिता, सोनल, रानू, अंजली अग्रवाल, दीपिका जाजू, मनीषा एवं सुमन सहित विक्टोरियन महिला सदस्यों की विशेष भूमिका रही।
हाई टी व पारंपरिक व्यंजन बने स्वादिष्ट समापन की पहचान- कार्यक्रम में सहभागिता को प्रोत्साहित करते हुए सभी अतिथियों हेतु हाई टी तथा पारंपरिक लजीज भोजन की उत्तम व्यवस्था की गई, जिससे यह सांस्कृतिक संध्या यादगार उत्सव में परिवर्तित हो गई।

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