जोधपुर के डॉक्टरों ने अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी किलिमंजारों पर तिरंगा फहराया , जय हिन्द के नारे लगाए

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जोधपुर। सूर्यनगरी के पांच डॉक्टर्स जो अपने पेशे के साथ-साथ अपने जूनून को भी जी रहे है। डॉक्टरी पेशे के बीच वो लोग समय निकालकर अपने जुनुन को भी जिन्दा रख रहे है। डॉ. शंकर सिंह शेखावत ( जूनसिया )ने कहा कि टफ चैलेंस एवं एडवेंचर्स उन्हे जीवन जीने की नई सीख देते है। मरीजों के उपचार के दौरान ऐसी कई समस्याएं उत्पन्न होती है। जिनका सामना कर मरीजों का बेहतर स्वस्थ जीवन देने के लिए साहस और ध्येय की आवश्यकता होती है। डॉ . शंकर सिंह शेखावत ने कहा कि साहस और ध्यैर्य ये वहीं लगेज है, जो प्रत्येक मनुष्य में निहित होता है। जिसकी पहचान हमें ऐसे ही दुर्गम रास्तों की कठिनाइयों से रूबरू होकर होती है। समुद्री तल से हजारों मीटर उचाई पर स्थित सिर की सीध में चढ़ाई करना और आगे बढ़ते रहना किसी जंग से कम नहीं है। ऐसे में आपको अपनी काबिलियत और साहस की पहचान खुद बा खुद हो जाती है। पर्वती चोटियों के क्लाइमेंट की घटनाओं को पार करते हुए जब हम सभी डॉक्टर्स किलिमंजारों की चोटी पर पहुंचे तो पहली ही राहत की सांस के साथ अपने बैग में रखे तिरंगें झण्डे को बाहर निकला और चोटी पर फहराया और जय हिन्द के नारे लगाए। दुर्गम चोटी पर फहते और तिरंगा लहराने की ऐसी खुशी जिसे शब्दों में बया नहीं किया जा सकता है सिर्फ महसूस ही किया जा सकता है। प्रोफेसर डॉ. कमल किशोर खीचीं ने कहा कि किलिमंजारों की ट्रैकिंग जीवन का वो सपना सच होने के समान है जिसेआज तक टीवी या सोशल मीडिया पर देखा था। लेकिन जब इसे रूबरू देखा तो पहली बार आंखों पर विश्वास ही नहीं हुआ कि हमने भी उस दुर्गम चोटी को पार कर उस पर विजय प्राप्त कर ली है। ट्रैकिंग पर जाने से पहले मन विचलित हो रहा था, लेकिन दिल ने बाजी मार ली। डॉक्टर्स ने कहा कि एडवेंचर्स जीने का जुनून जीत गया और फिर क्या था अपने आपको रोक नही पाए फिर किलिमंजारों की चोटी पर तिरंगा फहराने का जो सौभग्य मिला उसे कभी भी भूल नहीं सकते है । यदि एक पल के लिए दुर्गम रास्तों या मौसमी कठिनाइयों की सोचकर बैठ जाते तो शायद जीवन में कभी ऐसा साहस नहीं दिखा पाते लेकिन खुद पर भरोसा और मंजिल पर पहुंचने की आग ने हमें प्रेरित किया जिसके बूते ये जटिल कार्य भी संभव हो गया।
किलिमंजारों पर फतह प्राप्त करने वाले डॉक्टर्स ग्रुप्स – डॉ. शंकर सिंह शेखावत नेत्ररोग विशेषज्ञ जिला अस्पताल पावटा, डॉ कमल किशोर खींची प्रोफेसर एस एन मेडिकल कॉलेज, डॉ डी एस राठौड़ पीडियाट्रिक सर्जन, डॉ हेमंत जांगिड रेडियोलॉजिस्ट एवं डॉ प्रीतम गांधी के ग्रुप द्वारा हाल ही में किलिमंजारों की चोटी पर तिरंगा फहराया है। सम्भवता ये राजस्थान के पहले डॉक्टर्स ग्रुप है, जो इस जटिल एवं दुर्गम चोटी तक पहुँचा है।

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