जोधपुर: 70 साल बाद मिली अपने घर की पहचान, अजयपालसिंह बोले — अब ये घर मेरा हुआ

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जोधपुर। गांव वही था, घर भी वही — मगर अजयपालसिंह के चेहरे पर जो मुस्कान थी, वो पहले कभी नहीं देखी गई थी। भैरूसागर ग्राम पंचायत में रहने वाले अजयपाल के लिए यह सुबह एक नई शुरुआत लेकर आई। 70 वर्षों से जिस पुश्तैनी घर में उनका परिवार रह रहा था, उस पर उन्हें पहली बार कानूनी अधिकार मिला — वो भी भारत सरकार की स्वामित्व योजना और राजस्थान सरकार की संवेदनशील पहल के चलते। पण्डित दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय संबल पखवाड़ा 2025 के अंतर्गत आयोजित शिविर में अजयपालसिंह को सम्पत्ति कार्ड सौंपा गया। इससे पहले तक उनके पास घर का कोई वैध दस्तावेज़ नहीं था। बैंक से ऋण लेने में परेशानी होती, किसी योजना का लाभ नहीं मिल पाता। लेकिन अब उनके पास प्रमाण है, अधिकार है और आत्मसम्मान है।

शिविर से लौटते हुए अजयपालसिंह ने भावुक स्वर में कहा: अब मुझे कहीं जाने की ज़रूरत नहीं, अब मैं गर्व से कह सकता हूं कि यह घर मेरा है। मैं राजस्थान सरकार और इन शिविरों का आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने मेरी जि़ंदगी आसान बना दी। अब मैं बैंक से लोन भी ले सकूंगा और अपने घर की मरम्मत करवा सकूंगा। सच में, ये योजना हम जैसे आम लोगों के लिए वरदान है। राज्य सरकार द्वारा आयोजित ये शिविर अंतिम छोर तक के लोगों के जीवन में स्थायित्व, भरोसा और अधिकार भर रहे हैं। स्वामित्व योजना के तहत संपत्ति कार्ड का वितरण ग्रामीण जनजीवन में बड़ा बदलाव ला रहा है — न सिर्फ संपत्ति का कानूनी हक मिल रहा है, बल्कि आर्थिक आत्मनिर्भरता की ओर भी एक अहम कदम साबित हो रहा है।राज्य सरकार की यह पहल आम जन के जीवन में नया मूल्य जोड़ रही है — यह योजना केवल सुविधा नहीं, एक सशक्तिकरण है।भैरूसागर के अजयपालसिंह जैसे न जाने कितने लोग आज पहली बार अपने घर को अपना कह पा रहे हैं — ये ही इस योजना की सबसे बड़ी सफलता है।

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