विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके पाकिस्तानी समकक्ष इशाक डार के बीच मंगलवार शाम से दो मौकों पर अनौपचारिक बातचीत हुई और उनमें से एक में भारत-पाकिस्तान क्रिकेट संबंधों को बेहतर बनाने के तरीकों पर चर्चा हुई। राजनयिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह बातचीत शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सम्मेलन के इतर हुई, लेकिन दोनों देशों के ठंडे पड़े द्विपक्षीय संबंधों में किसी तरह की नरमी आने का कोई संकेत नहीं मिला। पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्ला तरार ने कहा कि जयशंकर की इस्लामाबाद यात्रा से रिश्तों पर जमी बर्फ पिघली है। सूत्रों ने बताया कि बुधवार शाम पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ द्वारा एससीओ प्रतिनिधियों के लिए अपने आवास पर आयोजित रात्रिभोज में जयशंकर और डार के बीच एक अलग बैठक हुई।
उन्होंने बताया कि इस बैठक में पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी भी शामिल हुए और संक्षिप्त बातचीत में क्रिकेट संबंधों में सुधार पर चर्चा की गई। नकवी पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के अध्यक्ष भी हैं। पता चला है कि पाकिस्तानी पक्ष ने अगले साल फरवरी में पाकिस्तान की मेजबानी में होने वाले आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी क्रिकेट टूर्नामेंट में भारत की भागीदारी का अनुरोध किया। सूत्रों ने बताया कि बुधवार को एससीओ सम्मेलन के बाद आधिकारिक भोज में जयशंकर और डार एक-दूसरे के बगल में बैठे थे और बातचीत करते हुए देखे गए, जो सकारात्मक संकेत प्रतीत होता है। उन्होंने इस बारे में विस्तार से बताने से इनकार कर दिया। एक सूत्र ने बताया कि जयशंकर और डार के साथ बैठने की व्यवस्था की गई थी।
मीडिया में तरार को उद्धृत करते हुए कहा गया, ‘‘न तो हमने और न ही उन्होंने द्विपक्षीय बैठक के लिए अनुरोध किया…लेकिन मेरा मानना है कि उनका (जयशंकर का) यहां आना रिश्तों में जमी बर्फ पिघलने वाला कदम है।’’ पाकिस्तान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जयशंकर की पाकिस्तान यात्रा को लेकर कुल मिलाकर सकारात्मक माहौल बना। सम्मेलन से पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शरीफ ने जयशंकर से हाथ मिलाया और शिखर सम्मेलन स्थल ‘जिन्ना कन्वेंशन सेंटर’ में उनका और एससीओ के अन्य सदस्य देशों के नेताओं का गर्मजोशी से स्वागत किया। शरीफ और जयशंकर ने कल रात्रिभोज के दौरान भी हाथ मिलाया और संक्षिप्त बातचीत की।