जैसलमेर : राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा बाल अधिकारों पर सम्मेलन का हुआ आयोजन

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जैसलमेर। रजिस्ट्रार राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग दिल्ली राजेश कुमार सिंह ने कहा कि बाल अधिकारों के प्रति जन-चेतना जागृत करना एवं उनके अधिकारों की पालना करने के लिए सामुहिक प्रयासों की जरूरत है। उन्होनें कहा कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए समय-समय पर इस प्रकार के सम्मेलनों का आयोंजन कर समाज में उनके अधिकारों के प्रति जन-चेतना जागृत करता है। उन्होनें कहा कि प्राचीन काल में संयुक्त परिवारों की प्रवृति होने से बच्चें सदैव संस्कारित होते थे एवं उन्हें एकाकीपन महसूस नहीं होता था, लेकिन आज एकाकी परिवार की प्रवृति के कारण बच्चें तकनीकी युग में सोशल मीडिया में मोबाइल के माध्यम से परोसी जा रही दुषभंातियों के कारण वे भ्रमित हो रहे है। इसलिए हम सबको मिलकर बच्चों में इस प्रवृति को कम कराना है। रजिस्ट्रार बाल अधिकार सरंक्षण आयोग सिंह ने मंगलवार को जैसलमेर एसबीके राजकीय स्नातकोतर महाविद्यालय के सभाकक्ष में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग एवं जिला प्रशासन के सयुक्त तत्वाधान में आयोजित बाल अधिकारों पर सम्मेलन के दौरान संभागीयों को सम्बोंधित कर रहे थे। सम्मेलन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव किशोर कुमार तालेपा, अतिरिक्त जिला कलेक्टर परसाराम सैनी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कैलाश दान जुगतावत, प्राचार्य डॉ. एस.एस मीणा अतिथि के रूप में उपस्थित थे। रजिस्ट्रार बाल अधिकार सरंक्षण आयोग ने कहा कि हमें समाज में बालकों के लिए जो कानूनी अधिकार बने है उनकी उन्हें जानकारी देना, शिक्षा एवं स्वास्थय का अधिकार जो बालकों के लिए बना है उसकी पालना करवाना, बालकों के अपराधों की रोकथाम के लिए मुहिम चलाना एवं पुलिस द्वारा समय पर उचित कानूनी कार्यवाही करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए ताकि हम बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए बेहतर कार्य कर सके। उन्होंनें बच्चों को अपराध की प्रवृति से सदैव दूर रखने की सीख प्रदान करना एव उन्हें अच्छी शिक्षा के लिए प्रेरित करना इसके लिए सामूहिक प्रयासों की महति आवश्यकता है। उन्होनें कहा कि हम सभी मिलजुलकर बच्चों के अधिकारों के प्रति मुहिम चलायेगें तो उसमें अवश्य ही सफलता मिलेगी। सचिव विधिक सेवा प्राधिकरण किशोर कुमार तालेपा ने संभागीयों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज के परिपेक्ष्य में बाल अधिकारों के प्रति मंथन करने की महती आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील विषय है कि जिस पर आज बाल अधिकारों पर सम्मेलन हो रहा है।

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