जयपुर। जयपुर के अनुभवी पर्यटक गाइड और सामाजिक कार्यकर्ता रवि शंकर धाभाई ने बताया कि पर्यटन उद्योग पर मौजूदा ऑफ-सीजन और भू-राजनीतिक परिस्थितियों (जैसे ‘वॉर टूरिज्म’, ‘डार्क टूरिज्म’, ‘डिजास्टर टूरिज्म’ को पर्यटकों की प्राथमिकता) के कारण गंभीर संकट मंडरा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत आने वाले लगभग 95% पर्यटकों ने अपनी बुकिंग रद्द कर दी हैं, जिससे पर्यटक गाइड्स, जिनका स्वरोजगार ही उनके परिवार के पालन-पोषण का एकमात्र साधन है, भूखे मरने की कगार पर पहुंच गए हैं। धाभाई ने राज्य और केंद्र सरकार से मानवीय आधार पर पर्यटक गाइड्स के लिए ठोस सामाजिक सुरक्षा नीति और आर्थिक सहायता योजना बनाने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि पिछले 15 महीनों से केंद्र सरकार के पर्यटन मंत्रालय के टूरिस्ट फैसिलिटेटर के रूप में वह लगातार 29-सूत्रीय मांग पत्र भेजकर अपनी समस्याओं से अवगत करा रहे हैं, लेकिन उनकी मांगों पर अब तक कोई ध्यान नहीं दिया गया है। उपमुख्यमंत्री, मुख्यमंत्री और केंद्रीय पर्यटन मंत्री द्वारा भी उनसे मुलाकात कर समस्याओं का निवारण नहीं किया जा रहा है, जिसे धाभाई ने “सोचनीय एवं निंदनीय विषय” बताया। धाभाई ने कहा कि इन हालातों में, जहां पर्यटक अब वॉर टूरिज्म, डार्क टूरिज्म और डिजास्टर टूरिज्म को देखना पसंद कर रहे हैं, भारत के पारंपरिक पर्यटन स्थलों को बचाने और उनसे जुड़े लोगों की आजीविका सुनिश्चित करने के लिए सरकार को तत्काल कदम उठाने चाहिए। यदि जल्द ही कोई ठोस समाधान नहीं निकाला गया, तो जयपुर में पर्यटक गाइड्स द्वारा एक बड़े आंदोलन का आयोजन किया जाएगा।

जयपुर के पर्यटक गाइड्स करेंगे आंदोलन, ऑफ-सीजन और वर्तमान परिस्थितियों से बढ़ा संकट
ram


