जयपुर। विधानसभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि भारत की सांस्कृतिक धरोहर रामायण, सम्पूर्ण विश्व में मानवता के लिए दिशा सूत्र है। विश्व में शांति और मानव के सुखी जीवन के लिए सनातन संस्कृति आवश्यक है। यही संस्कृति विश्व कल्याण का आधार है। विधानसभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी ने लंदन में आयोजित भव्य रामलीला मंचन को देखा। रामलीला मंचन कार्यक्रम का आयोजन साउथ लंदन में ओवरसीज फ्रेंड्स द्वारा किया गया। विदेश में रामलीला का मंचन देखकर श्री देवनानी अभिभूत हो गये। उन्होंने वहां उपस्थित भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि सनातन संस्कृति की इस अलख को विश्व में जगाए रखें। विदेशों में रामलीला मंचन के कार्यक्रम आयोजन के लिए श्री देवनानी ने भारतीय समुदाय का साधुवाद व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह सांस्कृतिक आयोजन भारतीय सनातन संस्कृति का जीवंत प्रतीक है, जो पूरे विश्व के लिए सत्य और मानवता की राह दिखाने के लिए आवश्यक है। श्री देवनानी ने कहा कि भारत भूमि से सुदूर स्थान पर भारतीय गौरवशाली संस्कृति एवं मूल्यों को सहेजने एवं मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम के गरिमामय जीवन से प्राप्त शिक्षा और प्रेरणा को अगली पीढ़ी तक पहुंचाने का प्रयास सराहनीय है। रामायण जीवन का विज्ञान है। इससे लोग जीवन में पिता, माता, पति,पत्नी,भाई, बहन, पुत्र, पुत्री की मर्यादा और कर्तव्य के प्रति समर्पण को सीख सकते हैं। रामायण जरूर पढ़ें- श्री देवनानी ने कहा कि रामायण में कर्तव्य पालन मानव जीवन के सच्चे सुख का आधार हैं। उन्होंने कहा कि रामायण में पिता-पुत्र, भाई-भाई और पति-पत्नी के आदर्श संबंधों की जो मर्यादाएं चित्रित हैं, वे आज के युग में भी जीवन के सर्वाेत्तम आदर्श हैं। उन्होंने सभी भारतीयों से आग्रह किया कि वे रामायण का अध्ययन करें और उसके आदर्शों को अपने जीवन में उतारें। रामायण मनुष्य को मानवीय बनाती है। लोग रामायण का अध्ययन करें और उसके आदर्शों को अपने जीवन में उतारें।
विदेश में रामलीला आयोजन के लिए जताया आभार-
श्री देवनानी ने विदेश में इस प्रकार के भव्य सांस्कृतिक आयोजन के लिए आयोजकों और भारतीय समुदाय का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि हमें रामलीला जैसे भारतीय सनातन कार्यक्रमों की अलख जगाए रखनी होगी। यहीं हमारे संस्कृति, श्रद्धा और मानवीय मूल्यों को जीवित रख सकेंगे। वर्तमान वैश्विक परिस्थितियों के अनुरूप शांति और एकता को बनाए रखने का संदेश इसमें समाहित हैं। उन्होंने कहा कि सनातन संस्कृति की आत्मा वसुधैव कुटुंबकम् के भाव में निहित है। जब यह भावना जागृत होती है, तब युद्ध, हिंसा और विभाजन स्वतः समाप्त हो जाते हैं।
वैश्विक संतुलन और नवचेतना के लिए रामायण मार्गदर्शक –
श्री देवनानी ने कहा कि आज जब भौतिकता और तनाव से ग्रस्त दुनिया दिशा खोज रही है, तब भारत की सनातन संस्कृति और रामायण जैसे आदर्श ग्रंथ विश्व के लिए नवचेतना और संतुलन का आधार बन सकते हैं। उन्होंने कहा राम के आदर्श और मर्यादा आज के युग में भी प्रासंगिक हैं। रामलीला इन आदर्शों को जन-जन तक पहुँचाने का माध्यम है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि लंदन जैसे शहर में रामलीला का मंचन होना इस बात का सशक्त प्रमाण है कि भारतीय संस्कृति की जड़ें सीमाओं से परे भी हैं। यह आयोजन न केवल भारतीय प्रवासियों को अपनी जड़ों से जोड़ता है, बल्कि विश्व समुदाय को भी यह संदेश देता है कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक चेतना ही सच्चे वैश्विक सौहार्द का आधार है। श्री देवनानी ने कहा कि जब रामायण का सन्देश जीवन में उतरता है, तब व्यक्ति के भीतर से अहंकार, हिंसा और स्वार्थ स्वत ही समाप्त हो जाते हैं और यही से विश्व में शांति और करुणा का उदय होता है। उन्होंने कहा कि सनातन संस्कृति जीवन जीने की कला है, जो मनुष्य को आत्मनिष्ठ और परोपकारी बनाती है। इस अवसर पर श्री कुलदीप शेखावत, श्री प्रवीण कुमार और श्री हरेंद्र गोधा सहित गणमान्य जन मौजूद थे।