जयपुर: जेकेके में आयोजित राज्य स्तरीय प्रदर्शनी में राज्य सरकार के विगत दो वर्षों में पर्यटन क्षेत्र में किये गए शानदार कार्यों की जानकारी प्राप्त करते नजर आये विजिटर्स

ram

जयपुर। राज्य सरकार के कार्यकाल के शानदार दो वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर जयपुर स्थित जवाहर कला केन्द्र में सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग की ओर से 15 दिसम्बर से आयोजित चार दिवसीय राज्य स्तरीय प्रदर्शनी में पर्यटन विभाग एवं कला एवं संस्कृति विभाग की स्टॉल पर आँगन्तुकों का भारी उत्साह नज़र आया। पर्यटन विभाग की स्टॉल पर स्टूडेंट्स सहित पर्यटन, कला एवं संस्कृति प्रेमी तथा अन्य विजिटर्स बड़ी संख्या में राजस्थान के महत्वपूर्ण पर्यटन डेस्टिनेशन्स की जानकरी के साथ राज्य सरकार के विगत दो वर्षों में पर्यटन क्षेत्र में किये गए शानदार कार्यों की जानकारी प्राप्त करते नजर आये। अतिरिक्त मुख्य सचिव पर्यटन, कला एवं संस्कृति तथा पुरातत्व एवं अभिलेखागार प्रवीण गुप्ता की पहल पर राज्य सरकार की उक्त भव्य प्रदर्शनी में जहां एक ओर पर्यटन विकास के विभिन्न पहलुओं को शानदार तरीके से प्रदर्शित किया गया है। वहीं विरासत और विकास के महत्व को आत्मसात किये हुए राजस्थान पर्यटन, कला एवं संस्कृति विभाग राजस्थान की ऐतिहासिक महत्व के विरासत अभिलेखों को भी पहली बार बेहतरीन तरीके से प्रस्तुत किया गया है। इसमें भी महत्वपूर्ण जानकारी यह है कि राजस्थान राज्य अभिलेखागार बीकानेर की ओर से राज्य की प्राचीन संस्कृति और इतिहास से जुड़े लगभग 1 करोड़ 70 लाख दुर्लभ अभिलेख पृष्ठों का डिजिटाईजेशन किया जा चुका है। इस आधार पर राजस्थान में आने वाले शोधकर्ताओं को महत्वपूर्ण शोध एवं संदर्भ जानकारियां उपलब्ध करवाई जाती है। यह जानकारी आँगन्तुकों को खासा प्रभावित कर रही है।अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रवीण गुप्ता की पहल के आधार पर उक्त राज्य स्तरीय प्रदर्शनी में राजस्थान संस्कृत अकादमी में संरक्षित विभिन्न पांच सौ से सात सौ वर्ष प्राचीन दुर्लभ पांडुलिपियों को भी पहली बार प्रदर्शित किया गया है। कागज, ताड़पत्र, भोजपत्र, कपड़े की उक्त प्रदर्शित पाण्डुलिपियों में दर्शन शास्त्र, आयुर्वेद, रामायण, ज्योतिष तथा पौराणिक पांडुलिपियों विशेष हैं। ज्ञान भारतरम मिशन के साथ कार्य करने में राजस्थान देश भर में प्रथम पायदान पर रहा है। पर्यटन कला एवं संस्कृति विभाग की स्टॉल पर प्राचीन पांडुलिपियों को संरक्षित किए जाने की प्राचीन एवं नवीन विधि को भी प्रदर्शित किया गया है। पाण्डुलिपियों को संरक्षित करने हेतु उपयोग में ली जाने वाली सामग्री प्रदर्शित की गई है। आँगन्तुकों को पाण्डुलिपियों को संरक्षित करने के संरक्षण सामग्री के उपयोग की विधि की जानकारी दी जा रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *