जयपुर। राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि विधान सभा समितियाँ सदन का लघु रूप होती हैं, जिनकी कार्यवाही लोकतंत्र की पारदर्शिता, जवाबदेही और सुशासन के लिए अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने जोर देकर कहा कि संसदीय समितियों द्वारा परंपराओं के अनुसार, जनप्रतिनिधियों की सहभागिता, प्रशासन की जवाबदेही और लोकतंत्र की गुणवत्ता का वास्तविक परीक्षण किया जाता हैं। देवनानी ने समितियों की सुदृढता के लिये महत्वपूर्ण सुझाव देते हुये कहा कि समितियों की बैठकों में सदस्यों की उपस्थिति बढ़ाये जाने के लिये सदस्यों का वर्चुअली जुडाव और समितियों में सदस्यों का चयन दलीय आधार के साथ-साथ योग्यता और विशिष्टता भी होनी चाहिए। विधान सभा समितियों की सुदृढ़ता के लिये बनेगी रिपोट:र् राजस्थान विधान सभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी सोमवार को भोपाल स्थित मध्यप्रदेश विधान सभा में आयोजित समिति प्रणाली की समीक्षा के लिए गठित पीठासीन अधिकारियों की समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे।उल्लेखनीय है कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने देश के विधान मण्डलों की समितियों की सुदृढता की समीक्षा के लिए सात विधान सभा अध्यक्षों की एक समिति का गठन किया है। देवनानी इस समिति के सदस्य है। यह समिति देश के विभिन्न राज्यों की विधान सभाओं में गठित समितियों का तुलनात्मक अध्ययन कर विधान सभा समितियों की सुदृढता के लिए एक रिपोर्ट तैयार कर रही है। इस समिति में राजस्थान विधान सभा के साथ मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, सिक्किम, हिमाचल प्रदेश और ओडिसा विधान सभा के अध्यक्ष भी शामिल है।
जयपुर: विधानसभा समितियाँ सदन का लघु रूप, सदस्यों का चयन का आधार दलीय के साथ-साथ योग्यता भी हो – वासुदेव देवनानी
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