जयपुर: मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में प्रदेश की औद्योगिक क्षमता का हो रहा निरंतर विकास, राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम के अंतर्गत जोधपुर पाली मारवाड़ इंडस्ट्रियल एरिया (जेपीएमआईए) पर तेजी से हो रहा कार्य

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जयपुर। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के विजन से प्रदेश की औद्योगिक क्षमता का निरंतर विकास हो रहा है। उनके कुशल नेतृत्व में प्रदेश की स्वर्णिम भविष्य की रेखाएं थार की धरती पर खिंच रही है। यहां जोधपुर और पाली के बीच बसने वाला ‘जोधपुर-पाली मारवाड़ औद्योगिक क्षेत्र (जेपीएमआईए)’ देश का एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र बनने की ओर अग्रसर है। यह शहर विकास, निवेश और नवाचार का अद्भुत संगम होगा।

रेगिस्तान के बीच उभरता आधुनिक औद्योगिक नगर-
राज्य सरकार और केंद्र सरकार के संयुक्त प्रयास से दिल्ली-मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर के अधीन यह परियोजना पश्चिमी राजस्थान को भारत के औद्योगिक नक्शे पर एक नया मुकाम देने जा रही है। राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास निगम (एनआईसीडीसी) के सहयोग से रोहट और कांकाणी के मध्य जेपीएमआईए को लगभग 3286 हेक्टेयर भूमि पर विकसित किया जा रहा है। इसका स्वरूप किसी साधारण औद्योगिक क्षेत्र का नहीं, बल्कि एक इंडस्ट्रियल टाउनशिप और मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब के रूप में होगा, जहां उद्योग, व्यापार, आवास और अवसंरचना का एकीकृत मॉडल शामिल होगा। यहां पहले चरण (फेज-ए) के अंतर्गत 465 करोड़ रुपये की लागत से 642 हेक्टेयर क्षेत्र का विकास किया जा रहा है।

1086 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण की सुनवाई पूरी-
रीको और एनआईसीडीसी के साझा उपक्रम राजस्थान इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डवलपमेंट कॉर्पोरेशन (रिडको) के माध्यम से यहां कार्य तेजी से किया जा रहा है। फेज-ए के अंतर्गत 642 हेक्टेयर में निर्माण प्रारंभ के लिए टेंडर प्रक्रिया अंतिम चरण में है। वहीं, फेज-बी के लिए 1086 हेक्टेयर के विस्तार हेतु भूमि अधिग्रहण की सुनवाई पूर्ण हो चुकी है एवं भूमि अवाप्ति अवार्ड जारी होने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। इसके साथ ही फेज-सी में इस परियोजना के तहत वर्ष 2028 तक 1373 हेक्टेयर क्षेत्र में विस्तार प्रस्तावित है। इन तीनों चरणों के पूर्ण होने पर यह परियोजना न केवल पश्चिमी राजस्थान का सबसे बड़ा औद्योगिक केंद्र बनेगी, बल्कि देश के प्रमुख लॉजिस्टिक कॉरिडोर से भी सीधे जुड़ जाएगी।

1279 औद्योगिक प्लॉट प्रस्तावित, बनेगी रेडी-टू-इंवेस्ट टाउनशिप-
जेपीएमआईए परियोजना के प्रथम चरण में कुल 1279 औद्योगिक प्लॉट प्रस्तावित हैं, जिनमें 435 छोटे, 615 मध्यम और 229 बड़े उद्योग शामिल हैं। यहां उद्योगों को रेडी-टू-इंवेस्ट टाउनशिप और बेहतर कनेक्टिविटी के साथ ही आधुनिक सड़क नेटवर्क, सुचारु बिजली और जलापूर्ति, सॉलिड वेस्ट प्रबंधन, आईसीटी, इन्फ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक हब की सुविधाएं निवेशकों को ‘एक ही स्थान पर सभी समाधान’ सुनिश्चित करेगी।

55 हजार प्रत्यक्ष, 1 लाख से अधिक अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर होंगे सृजित-
इस औद्योगिक क्षेत्र से स्थानीय स्तर पर 55 हजार प्रत्यक्ष और 1 लाख से अधिक अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे। साथ ही, 31 हेक्टेयर में आवासीय क्षेत्र, 16 हेक्टेयर में वाणिज्यिक ज़ोन, और 57 हेक्टेयर में सोलर पार्क इस औद्योगिक शहर को पर्यावरण-संतुलित और आत्मनिर्भर भी बनाएंगे।

4 हजार 380 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से विकसित होगा जेपीएमआईए-
इस परियोजना के लिए रिडको विशेष उद्देश्य वाहन (एसपीवी) का गठन 51ः49 के अनुपात में किया गया है, जिसके अंतर्गत रीको भूमि का योगदान देगा और एनआईसीडीसी आधारभूत संरचना का विकास करेगा। इस औद्योगिक शहर की कुल लागत लगभग 4 हजार 380 करोड़ रुपये अनुमानित है।

राज्य सरकार तेजी से विकसित कर रही है आधारभूत आवश्यकताएं-
परियोजना के लिए राजीव गांधी लिफ्ट कैनाल से 48 एमएलडी पानी स्वीकृत किया गया है। इसके लिए 155.85 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। साथ ही, कांकाणी उपकेंद्र से बिजली आपूर्ति हेतु 87.21 करोड़ रुपये की परियोजना स्वीकृत की गई है। वहीं, अंडरपास और लॉजिस्टिक हब के कार्य वर्तमान में निर्माणाधीन हैं।

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