जयपुर। उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि निरोगी रहना मानव जीवन का सर्वोत्तम सौभाग्य है। प्रकृति ने हमें स्वस्थ रहने के लिए अनेक अनमोल औषधियों एवं प्राकृतिक उपचार विधियों का वरदान दिया है। इसी भावना को आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा द्वारा आयुष्मान आदर्श ग्राम योजना की शुरुआत की गई है, जिसका उद्देश्य प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों और जीवनशैली को आमजन का अभिन्न हिस्सा बनाना है। डॉ. बैरवा मंगलवार को शासन सचिवालय में आयुष्मान आदर्श ग्राम योजना के संबंध में आयोजित राज्य स्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में निरोगी रहने, रोगों की रोकथाम करने और प्रकृति आधारित उपचार पद्धतियों को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि हर नागरिक प्राकृतिक और संतुलित जीवनशैली अपनाकर स्वस्थ, सशक्त और ऊर्जा से भरपूर जीवन जी सके।
आयुष्मान गांवों को 11 लाख रुपए का प्रोत्साहन
आयुर्वेद विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री सुबीर कुमार ने बताया कि आयुष्मान आदर्श ग्राम योजना के पहले चरण में प्रत्येक जिले की 5 ग्राम पंचायतों का चुनाव किया गया हैं। इसके बाद आयुष्मान आरोग्य मंदिर वाली ग्राम पंचायतों को इसमें सम्मिलित किया जायेगा। इन पंचायतों में 18 स्वास्थ्य सूचकांकों पर काम किया जायेगा और इन सूचकांकों की पूर्ण पालना वाली ग्राम पंचायतों को 11 लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
आरोग्य सखी से होगा गाँव-गाँव आयुष्मान
उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायतों में आरोग्य मित्र एवं आरोग्य सखियों का चयन कर उन्हें प्रशिक्षित किया जायेगा। वे वरिष्ठ नागरिकों, बालिकाओं, शिशुओं और गर्भवती महिलाओं को वनौषधि परिचय, घरेलु उपचार, आहार-विहार, योग व्यायाम, बीपी व ब्लड शुगर मॉनिटरिंग, नशामुक्ति जैसे सभी महत्वपूर्ण स्वास्थ्य विषयों का ध्यान रखेगे। बैठक में आयुष, पंचायती राज, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, महिला बाल विकास, शिक्षा विभाग के अधिकारी और यूनिसेफ के प्रतिनिधि उपस्थित रहें। साथ ही सम्बंधित विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी विडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से जुड़े।



