जयपुर। राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली द्वारा लगाए गए ‘स्पाई कैमरा’ के आरोपों को खारिज कर दिया है। ‘स्पाई कैमरा’ का अर्थ किसी एक व्यक्ति की जासूसी करना नहीं है, सब पर नजर रखना होता है। आईएएनएस से बातचीत करते हुए वासुदेव देवनानी ने कहा, “कुछ राजनीतिक दल पूरे देश में संवैधानिक संस्थाओं को निशाना बना रहे हैं और यही काम वे यहां भी कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट समेत कई संवैधानिक संस्थाओं को पहले भी निशाना बनाया गया है और राजस्थान में भी वही देखने को मिल रहा है।” उन्होंने कहा कि विधानसभा में दो अतिरिक्त कैमरे लगाए गए हैं, जो 360 डिग्री पर पूरे सदन की निगरानी करते हैं। ये कैमरे केवल विधायकों पर ही नहीं, बल्कि आसन पर बैठे अध्यक्ष पर भी नजर रखते हैं। सुरक्षा की दृष्टि से ये कैमरे लगाए गए हैं। नेता प्रतिपक्ष का आरोप पूरी तरह निराधार है। उन्होंने ‘स्पाई कैमरा’ शब्द के इस्तेमाल पर भी आपत्ति जताई। ‘स्पाई कैमरा’ का मतलब होता है किसी एक व्यक्ति की जासूसी करना, जबकि विधानसभा में लगे कैमरे बड़े हैं और वे सभी पर नजर रखते हैं, जो सुरक्षा की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि जब से ये बिल्डिंग बनी है, तब से यहां पर कैमरे लगे हुए हैं। नई टेक्नोलॉजी को देखते हुए बदलाव किया जा रहा है, हर संस्थान में सुरक्षा के लिए अपना उपाय किया जाता है। नेता प्रतिपक्ष केवल मुद्दों से भटकाने का काम कर रहे हैं। देवनानी ने विपक्ष पर सर्वदलीय बैठकों (ऑल-पार्टी मीटिंग) में सहयोग नहीं करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जब भी ऐसी बैठक बुलाई जाती है, अन्य दल आते हैं, लेकिन एक विशेष दल अपनी सुविधानुसार समय तय करवाता है और फिर खुद ही बैठक में शामिल नहीं होता। ये मुद्दा केवल एक ही पार्टी का है। तीन और विपक्षी दल हैं वो कुछ नहीं बोलते। उन्होंने कहा कि मेरा मकसद रहता है कि सदन में जनता की बातों पर चर्चा होनी चाहिए, जनता ने हमें यहां जिस भी काम के लिए भेजा है, हमें उसे पूरा करना चाहिए। सर्वदलीय बैठकों में अगर सब लोग भाग लें तो अच्छा रहेगा।

जयपुर: राजस्थान विधानसभा में ‘स्पाई कैमरा’ विवाद : अध्यक्ष देवनानी ने विपक्ष के आरोपों को नकारा
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