जयपुर: राज्य सरकार की दूसरी वर्षगांठ पर विशेष- 2 साल: नव उत्थान-नई पहचान, बढ़ता राजस्थान- हमारा राजस्थान —राजस्थान रोडवेज़ का काया कल्प: राज्य सरकार के सुशासन, दूरदर्शिता और जनसेवा की प्रतिबद्धता का परिचायक है रोडवेज —810 नई बसें और 352 अनुबंधित बसों ने बदली रोडवेज़ की तस्वीर

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जयपुर। परिवहन व्यवस्था किसी भी प्रदेश के आधारभूत ढांचे की आत्मा होती है जो वहाँ की प्रगति और जनजीवन की सुगमता का आधार होती है । यह केवल एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचने का माध्यम भर नहीं है बल्कि आर्थिक गतिविधियों की रीढ़, सामाजिक जुड़ाव का आधार और आमजन की दैनिक आवश्यकताओं को पूरा करने वाला सबसे भरोसेमंद तंत्र होती है। विशेषकर राजस्थान जैसे विशाल भूगोल वाले राज्य में जो क्षेत्रफल में सबसे बड़ा राज्य है, जहाँ देश की कुल जनसंख्या का 5 प्रतिशत से अधिक लोग निवास करते हैं, वहाँ ऐसी विश्वसनीय और किफायती परिवहन सेवा का महत्व कई गुना बढ़ जाता है क्योंकि स्कूल-कॉलेज जाने वाले विद्यार्थियों से लेकर नौकरीपेशा युवा, किसान, व्यापारी तथा सामान्य यात्री तक सभी के जीवन का एक बड़ा हिस्सा रोडवेज़ की सेवाओं से जुड़ा हुआ है।

पुनरुत्थान का नया अध्याय
मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा का मानना है कि यदि रोडवेज़ को पूरी तरह आधुनिक और प्रतिस्पर्धी बनाना है तो इसके बेड़े का नवीनीकरण अनिवार्य है। यही कारण है कि वर्तमान सरकार के गठन के साथ ही लंबे समय से लगातार घाटे, पुरानी होती बसों और कम होती यात्रियों की संख्या जैसी चुनौतियों का सामना कर रही राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम लिमिटेड के रिवाइवल का कार्य शुरू किया गया । मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में आमजन को किफायती और सुलभ परिवहन व्यवस्था उपलब्ध करवाने के लिए निर्णायक कदम उठाए गए हैं। सबसे पहले संचालन व्यवस्था में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाने के लिए सुपरविजन को मजबूत किया गया। वर्षों से रोडवेज़ के घाटे का बड़ा कारण रही डीजल की छीजत पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित किया गया। इसके साथ ही रूट प्लानिंग, बस संचालन और संसाधनों के उपयोग को व्यवस्थित करते हुए यात्रियों की संख्या और बसों द्वारा प्रतिदिन तय किए जाने वाले औसत किलोमीटर में उल्लेखनीय वृद्धि की गई। इन तमाम सुधारों ने रोडवेज़ के दैनिक संचालन को नई ऊर्जा और स्थिरता प्रदान की जिसने रोडवेज की वर्तमान नवीन तस्वीर सामने आई । इन समेकित प्रयासों का सबसे बड़ा परिणाम यह सामने आया कि संचालन घाटा, जो पहले लगभग एक हजार करोड़ रुपये प्रतिवर्ष था, वह घटकर करीब तीन सौ करोड़ रुपये रह गया है। यह कमी राजस्थान रोडवेज़ के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण सुधारों में गिनी जा रही है और इसे मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की दूरदर्शी नीतियों, सक्रिय नेतृत्व और सुधारवादी दृष्टिकोण का प्रत्यक्ष परिणाम माना जा रहा है।

810 नई बसें और 352 अनुबंधित बसें जिन्होंने बदली रोडवेज़ की तस्वीर
यात्रियों को अधिक सुरक्षित, आरामदायक और समयबद्ध यात्रा उपलब्ध करवाने के लिए 810 नई बसों को खरीदा गया और 352 बसों को अनुबंध के आधार पर शामिल किया गया। नई बसों के जुड़ने से जहां जनता को अधिक सुरक्षित, आरामदायक और समयबद्ध यात्रा मिलने लगी, वहीं बढ़े हुए नेटवर्क और बेहतर सेवाओं ने रोडवेज़ की कमाई पर भी सकारात्मक प्रभाव डाला। राज्य सरकार के द्वारा निरंतर लिए जा रहे लोककल्याणकारी निर्णय इस बात का परिचायक है कि लेकिन यह परिवर्तन केवल शुरुआत है। आने वाले समय में रोडवेज़ के बेड़े में 800 और नई बसें शामिल की जानी हैं। इससे न केवल प्रदेश के अधिक क्षेत्रों में बेहतर बस सुविधा उपलब्ध होगी बल्कि रोडवेज़ के तेजी से कम हो रहे घाटे को पूरी तरह समाप्त कर उसे लाभदायक इकाई बनाने का लक्ष्य भी पूरा होगा। सरकार की योजना है कि रोडवेज़ को आधुनिक तकनीक, सुरक्षित यात्रा और वित्तीय आत्मनिर्भरता के साथ ऐसे स्तर पर पहुंचाया जाए, जहां वह प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान जारी रख सके। राजस्थान रोडवेज़ का यह काया कल्प राज्य में सुशासन, जवाबदेही और जन-केंद्रित नीतियों का उदाहरण बनकर सामने आया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था एक बार फिर नई दिशा और नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ रही है, और आने वाला समय इस बदलाव को और भी मजबूत किए जाने का संकेत देता है।

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