– गांधी की प्रतिमाएं हर जगह, पर शास्त्री जी की नहीं — कांग्रेस का षड्यंत्र : डॉ. अग्रवाल
– भाजपा कार्यकर्ता सेवा पखवाड़े में बढ़-चढ़कर करें भागीदारी : मदन राठौड़
जयपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस 17 सितंबर से भाजपा पूरे देश और प्रदेश में सेवा पखवाड़ा मनाएगी। इसकी तैयारियों को लेकर जयपुर के दुर्गापुरा स्थित कृषि अनुसंधान केंद्र में गुरुवार को प्रदेश स्तरीय कार्यशाला आयोजित हुई। इसमें मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, प्रदेश प्रभारी डॉ. राधामोहन दास अग्रवाल और प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि नरेंद्र मोदी की कार्यकर्ता से प्रधानमंत्री बनने तक की यात्रा हमें सिखाती है कि राष्ट्र प्रथम की भावना, निष्ठा और सेवाभाव से असंभव भी संभव हो जाता है। उन्होंने कहा कि मोदी ने गरीबों को घर, शौचालय, बिजली और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाएं दीं। उनका सपना विकसित भारत 2047 है और सेवा पखवाड़ा उसी दिशा में अहम कदम है। सीएम ने बताया कि प्रदेश सरकार ने पिछले वर्ष 7.5 करोड़ और इस वर्ष 11 करोड़ पौधे लगाए हैं। पांच वर्षों में 50 करोड़ वृक्षारोपण का लक्ष्य है। सेवा पखवाड़े में हर बूथ स्तर पर वृक्षारोपण होगा। उन्होंने कहा कि 25 सितंबर को पं. दीनदयाल जयंती और 2 अक्टूबर को शास्त्री जयंती मनाई जाएगी। साथ ही जीएसटी सुधारों से गरीब, व्यापारी व उद्योगपति सभी को लाभ होगा और अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। विपक्ष पर हमला बोलते हुए शर्मा ने कहा कि कांग्रेस तुष्टिकरण की राजनीति करती है और धर्मांतरण बिल का विरोध करके अपनी मानसिकता दिखा दी है। कांग्रेस नेता विधानसभा में बोलने की बजाय सोशल मीडिया पर बयानबाजी करते हैं, लेकिन जाति, तुष्टिकरण और भ्रष्टाचार की राजनीति अब नहीं चलेगी। डॉ. राधामोहन दास अग्रवाल ने कहा कि गांधी जी की प्रतिमाएं देशभर में मिल जाएंगी, लेकिन शास्त्री जी की नहीं, यह कांग्रेस का षड्यंत्र है। उन्होंने आरोप लगाया कि जिनके नाम से गांधी या नेहरू नहीं जुड़ता, उन्हें कांग्रेस का इको सिस्टम स्थापित नहीं होने देता। प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं को स्वविवेक से सेवा पखवाड़े में बढ़-चढ़कर सहभागिता करनी चाहिए। आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान और जीएसटी के नए प्रावधानों को लेकर कार्यकर्ता जनता के बीच जाएंगे।
कार्यशाला से नाराज होकर निकले प्रदेश प्रभारी- कार्यशाला के दौरान अप्रत्याशित घटना भी सामने आई। प्रदेश प्रभारी डॉ. राधामोहन दास ग्रवाल सांसदों-विधायकों की कम उपस्थिति से नाराज होकर उद्घाटन सत्र के बाद ही बाहर निकल गए। सूत्रों के अनुसार, 14 सांसदों में से केवल 5, 118 विधायकों में से 72, 11 सांसद प्रत्याशियों में से 8, और 82 विधायक प्रत्याशियों में से मात्र 42 ही पहुंचे। 35 पदाधिकारियों में से 22 और 8 जिलाध्यक्ष भी अनुपस्थित रहे। अग्रवाल ने मंच से ही अनुपस्थित नेताओं के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी करने की घोषणा की। बाद में दूसरे सत्र में उनकी कुर्सी भी मंच से हटा दी गई। गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन वह गाड़ी से रवाना हो गए। हालांकि, अग्रवाल ने बयान दिया कि उनके कार्यक्रम में पहले से ही अन्य मुलाकातें तय थीं, लेकिन राजनीतिक हलकों में इसे “नाराजगी का संकेत” माना जा रहा है। कांग्रेस ने इस घटनाक्रम पर तंज कसा कि भाजपा अपने नेताओं को एक मंच पर नहीं जुटा पा रही, यह पार्टी की अंदरूनी स्थिति का प्रमाण है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह घटना भाजपा में अनुशासन और संगठनात्मक सक्रियता को लेकर सख्ती का संकेत है, लेकिन साथ ही यह सवाल भी उठाती है कि इतनी महत्वपूर्ण कार्यशाला में इतने सांसद-विधायक क्यों अनुपस्थित रहे।

जयपुर : सेवा पखवाड़ा बनेगा विकसित भारत 2047 के संकल्प का आधार : भजनलाल शर्मा
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