-विकसित भारत के शहरी भविष्य की परिकल्पना को मिली नई दिशा।
नई दिल्ली/जयपुर। नई दिल्ली स्थित यशोभूमि कन्वेंशन सेंटर में आयोजित ‘नेशनल अर्बन कॉन्क्लेव 2025’ भारत के शहरी विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक पड़ाव सिद्ध हुआ। इस राष्ट्रीय आयोजन में राजस्थान सरकार के नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने सहभागिता करते हुए शहरी भारत के सतत, समावेशी और भविष्य-तैयार मॉडल पर अपने विचार साझा किए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर थे। इस अवसर पर देशभर के नीति-निर्माताओं, विभिन्न राज्य सरकारों के शहरी विकास मंत्रियों, विशेषज्ञों और नवाचारकों ने एक साझा मंच पर आकर विकसित भारत के विजन को साकार करने की दिशा में सार्थक विमर्श किया। खर्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘विकसित भारत @2047’ का संकल्प केवल आर्थिक प्रगति का ही नहीं अपितु जीवन-स्तर उन्नयन और प्रौद्योगिकी-संचालित, जनकेंद्रित शहरी शासन का भी प्रतीक है। उन्होंने कहा कि यह कॉन्क्लेव उस सामूहिक दृष्टि और प्रतिबद्धता का सशक्त उदाहरण है, जो भारत को विश्व के अग्रणी शहरी राष्ट्रों की श्रेणी में लाने का मार्ग प्रशस्त कर रही है। इस अवसर पर उन्होंने ‘विकसित भारत सिटी प्रदर्शनी’ का अवलोकन भी किया, जिसमें भविष्य के भारतीय शहरों की रूपरेखा को मूर्त रूप दिया गया है। यह प्रदर्शनी सतत विकास, तकनीकी नवाचार, स्मार्ट सुरक्षा और सामाजिक समावेशिता के सम्मिश्रण की प्रेरक झलक प्रस्तुत करती है। कॉन्क्लेव ने न केवल विचारों का एक सशक्त मंच प्रदान किया बल्कि यह उस नए भारत की नींव रखने की दिशा में ठोस कदम भी साबित हुआ जो आधुनिकता और मानवता के बीच संतुलन बनाते हुए आने वाले कल के शहरों को आज ही आकार दे रहा है। यह आयोजन इस बात का प्रमाण है कि भारत अब शहरीकरण की चुनौती को अवसर में बदलने के लिए पूरी तरह तैयार है। यह अपने आप में एक ऐसा अवसर जो भविष्य में नागरिकों के जीवन को अधिक सुगम, सुरक्षित और समृद्ध बनाएगा।

जयपुर: ‘नेशनल अर्बन कॉन्क्लेव 2025’ में राजस्थान के नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने की सहभागिता
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