जयपुर। राजस्थान सरकार ने ऊर्जा उत्पादन, प्रसारण और वितरण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य सरकार ने राजस्थान को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य रखा है। यह जानकारी ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने गुरुवार को जयपुर में प्रेस कांफ्रेंस में दी। इस अवसर पर उनके साथ प्रमुख शासन सचिव अजिताभ शर्मा और डिस्कॉम चेयरमैन आरती डोगरा, राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के CMD रोहित गुप्ता, ऊर्जा विकास निगम के एमडी ओम कसेरा, उत्पादन निगम के CMD देवेन्द्र श्रंगी भी मौजूद थे। उन्होंने ऊर्जा विभाग की उपलब्धियों व भविष्य की योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राजस्थान अब सौर और अक्षय ऊर्जा में देश में पहले स्थान पर है। राज्य की कुल अक्षय ऊर्जा क्षमता 41,189 मेगावाट और सौर ऊर्जा क्षमता 35,337 मेगावाट हो गई है। पिछले दो वर्षों में अक्षय ऊर्जा में 17,820 मेगावाट और सौर ऊर्जा में 17,325 मेगावाट की वृद्धि हुई। किसानों के लिए विशेष प्रयास : सरकार ने 2027 तक किसानों को दिन में बिजली देने का लक्ष्य रखा है। वर्तमान में 22 जिलों में दिन के दो ब्लॉक में किसानों को बिजली दी जा रही है। पीएम-कुसुम योजना के तहत पिछले दो वर्षों में 1,048 सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए गए हैं, जिससे लगभग 1.54 लाख किसानों को कृषि कार्य के लिए विद्युत आपूर्ति मिल रही है। उत्पादन और प्रसारण में सुधार : पिछले दो वर्षों में राज्य में विद्युत उत्पादन क्षमता में 6,839 मेगावाट की वृद्धि हुई। 48 नए जीएसएस और 213 पावर ट्रांसफार्मर स्थापित किए गए, जिससे कुल क्षमता 8,534 एमवीए बढ़ी। थर्मल इकाइयों से अतिरिक्त उत्पादन और बेहतर समन्वय से प्रतिदिन करोड़ों की बचत हुई। पीईकेबी और परसा कोल ब्लॉकों से कोयले की आपूर्ति सुनिश्चित की गई है। बिजली वितरण और सब्सिडी : 33/11 केवी के 352 सब-स्टेशन स्थापित किए गए और वितरण तंत्र को मजबूत किया गया। किसानों को अक्टूबर 2025 तक 44,558 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया। ‘रिवेम्पड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम’ के तहत 12.21 लाख स्मार्ट मीटर लगाए गए। तीनों वितरण निगमों में 36 नए विद्युत कार्यालय खोले गए। सोलर रूफटॉप और बैटरी स्टोरेज : पीएम-सूर्यघर योजना के तहत 428.18 मेगावाट क्षमता के 1,05,608 रूफटॉप सोलर संयंत्र स्थापित किए गए। 150 यूनिट निःशुल्क बिजली योजना के तहत सोलर रूफटॉप संयंत्र पर 17,000 रुपये की राज्य सब्सिडी दी जा रही है। बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) के तहत 6,000 मेगावाट-घंटा कार्यादेश जारी किया गया है, जो ग्रिड स्थिरता में मदद करेगा। भविष्य की योजनाएं : राज्य सरकार केंद्रीय उपक्रमों के साथ मिलकर 42,438 मेगावाट विद्युत क्षमता विकसित करने और राजस्थान में देश का सबसे बड़ा सोलर एनर्जी पार्क पूगल में विकसित करने की योजना पर काम कर रही है। इस तरह, राजस्थान ने ऊर्जा क्षेत्र में अपने कदम और मजबूत किए हैं और राज्य को देश में ऊर्जा के मामले में अग्रणी बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।

जयपुर: राजस्थान में ऊर्जा क्षेत्र में बड़ा विकास, सौर और अक्षय ऊर्जा में देश में पहला स्थान : ऊर्जा मंत्री
ram


