जयपुर। प्रदेश में खनिज से जुड़े सभी पहलूओं के योजनाबद्ध क्रियान्वयन, समन्वय, प्रबंधन, प्रभावी मोनेटरिंग, एक्सप्लोरेशन, राजस्व, निवेश एवं रोजगार बढ़ोतरी, सस्टेनेबल माइनिंग, माइनिंग सेक्टर में देश दुनिया में हो रहे नवाचार और नवीनतम तकनीक और उसके प्रदेश में उपयोग सहित विभिन्न बिन्दुओं को लेकर विभाग द्वारा उच्चस्तरीय परियोजना मोनेटरिंग इकाई (प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट) का गठन किया गया है। खान एवं भूविज्ञान विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री टी. रविकान्त ने बताया कि प्रदेश में क्रिटिकल एवं स्ट्रेटेजिक खनिजों के साथ ही प्रधान व अप्रधान खनिजों के विपुल भण्डारों को देखते हुए पीएमयू के गठन से खनिज क्षेत्र को और अधिक गतिशील बनाया जाएगा। इससे खानें जल्दी परिचालन आने के साथ ही निवेश एवं रोजगार के अवसर बढेंगे। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा माइनिंग सेक्टर में विपुल संभावनाओं को देखते हुए राजस्थान के माइनिंग सेक्टर को देश में अग्रणी राज्य बनाने पर जोर देते रहे हैं। नई खनिज नीति, एम-सेण्ड नीति, रिप्स में सहायता प्रावधान, एमनेस्टी योजना सहित प्रक्रिया के सरलीकरण और खनन क्षेत्र विकास के महत्वपूर्ण कदम उठाये गये हैं। श्री रविकान्त ने बताया कि पीएमयू के गठन के साथ ही खनन क्षेत्र से जुड़ी प्रमुख गतिविधियों को 7 सेक्टरों में चिन्हित किया गया है। इसमें एक्सप्लोरेशन, ऑक्शन, शीध्र परिचालन, रिसर्च एवं डव्लपमेंट, जीरो लॉस माइनिंग, इकोटूरिज्म की संभावनाओं, पेपरलेस सहित विभिन्न गतिविधियों का समावेश किया गया है। विभाग के वरिष्ठ व विशेषज्ञ अधिकारियों को प्रभारी अधिकारी बनाया गया है। अतिरिक्त निदेशक मुख्यालय श्री महेश माथुर को नोडल अधिकारी व अधीक्षण अभियंता सतर्कता जयपुर श्री प्रताप मीणा को सहप्रभारी बनाया गया है। प्रमुख सचिव श्री रविकान्त ने बताया कि खनिज क्षेत्र से जुड़े 7 प्रमुख सेक्टरों में से पहले एक्सप्लोरेशन व ऑक्शन का प्रभारी आरएसएमईटी के सीईओ श्री आलोक जैन को बनाया गया है।
श्री जैन की टीम द्वारा प्रदेश में कोमोडिटी, मिनरल ग्रेड, खनन के प्रकार सहित विभिन्न बिन्दुओं पर कार्य करेगी। यह दल जीएसआई सहित तकनीकी विशेषज्ञों से समन्वय बनाते हुए एक्सप्लोरेशन से ऑक्शन आदि संबंधित कार्यों को और अधिक प्रभावी गति दी जा सकेगी। इसी तरह से ऑक्शन किये गये माइनर और मिनरल ब्लॉकोें को जल्द से जल्द परिचालन में लाने के लिए संबंधित स्टेक होल्डर्स व खान विभाग सहित संबंधित विभागों से समन्वय बनाते हुए आवश्यक अनुमतियां दिलाने में सहयोग के साथ ही शीघ्र परिचालन में लाने का कार्य करेगी। इस दल का प्रभारी अधीक्षण अभियंता सतर्कता जयपुर श्री प्रताप मीणा को बनाया गया है। श्री टी. रविकान्त ने बताया कि विभाग का जोर खनन क्षेत्र में राजस्व बढ़ाने और राजस्व में किसी भी तरह की छीजत को रोकना भी है और इसके लिए वित्तीय सलाहकार श्री गिरिश कछारा को प्रभारी बनाते हुए मोनेटरिंग सहित आवश्यक सभी जिम्मेदारियां दी गई है। डीएमएफटी के कार्य को गति देने और राशि के बेहतर उपयोग की मोेनेटरिंग की जिम्मेदारी अधीक्षण भूवैज्ञानिक श्री सुनील कुमार को दी गई है। इस दल द्वारा डीएमएफटी फण्ड के अन्य प्रदेशों में उपयोग को लेकर अध्ययन सहित योजना, क्रियान्वयन व मोनेटरिंग का फ्रेमवर्क तैयार किया जाएगा। श्री रविकान्त ने कहा कि राज्य सरकार का सस्टेनेबल माइनिंग पर जोर रहने के साथ ही बदलते परिवेश में यह आवश्यक भी हो गया है। अधीक्षण खनि अभियंता जयपुर श्री एनएस शक्तावत को सस्टेनेबल माइनिंग और ऑटोमेशन और तकनीक सेक्टर का प्रभारी बनाया गया है। इनके दल द्वारा स्टार रेंकिंग, बंद व कार्य नहीं कर रही खानों में इको टूरिज्म की संभावनाओं व क्रियान्वयन, डम्प ओवरवर्डन आदि के रिसाइक्लिंग व उपयोग, श्रेष्ठ कार्य करने वाली खानों को प्रोत्साहित करने के साथ ही विभागीय सिस्टम को नई तकनीक से जोड़ने और पेपरलेस करने की दिशा में कार्य करेगी। इसी तरह से खनिज क्षेत्र में शोध एवं विकास को बढ़ावा देने, अधिकारियों के रिओरियेंटेशन, खनन क्षेत्र से जुड़े स्टेक होल्डर्स व विभाग के बीच साझा मंच उपलब्ध कराने, देश दुनिया में तकनीक में आ रही बदलाव से रुबरु कराने सहित इस तरह के कार्यों के लिए कॉन्क्लेव, सेमिनार, संगोष्ठियां, प्रशिक्षण कार्यक्रम की रुपरेखा व आयोजन का कार्य किया जाएगा। इस दल का प्रभारी अधीक्षण खनि अभियंता अजमेर श्री जय गुरुबख्सानी को प्रभारी व अधीक्षण भूवैज्ञानिक श्री संजय सक्सेना को सह प्रभारी बनाया गया है। पीएमयू ने कार्यआरंभ कर दिया है।