जयपुर। कृषि एवं उद्यानिकी मंत्री डॉ. किरोडी लाल ने कहा कि विभागीय अधिकारी बजट घोषणाओं को प्लानिंग के साथ तय समयावधि में पुरा करते हुए अधिक से अधिक पात्र किसानों को लाभ पहुंचाएं। जिससे उत्पादन में वृद्धि होगी और हमारे प्रदेश के किसान आर्थिक रूप से मजबूत बन सकेंगे। उन्होंने बजट घोषणाओं के क्रियान्वयन में किसी प्रकार की लापरवाही न बरतने और भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टोलरेंस अपनाए जाने के निर्देश प्रदान किए। डॉ. किरोडी लाल शुक्रवार को कृषि अनुसंधान संस्थान दुर्गापुरा, जयपुर के श्याम ऑडिटोरियम में कृषि विभाग के विभागीय अधिकारियों के साथ राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक ले रहे थे। इस दौरान उन्होंने सभी जिलों के संयुक्त निदेशकों व अतिरिक्त निदेशक (विस्तार) को विभागीय योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के निर्देश दिए और कहा कि बजट घोषणाओं की निरंतर मॉनिटरिंग की जा रही है, ऐसे में सभी अधिकारीगण पूर्ण ईमानदारी एवं कर्तव्यनिष्ठा के साथ काम करते हुए योजनाओं को धरातलीय रूप प्रदान करें।उन्होंने बैठक में जिलेवार उर्वरकों की मांग, आपूर्ति, खपत एवं उपलब्धता, रबी सीजन हेतु उर्वरकों की संभावित मांग सहित आपूर्ति, खपत एवं उपलब्धता की कार्य योजना पर चर्चा की। इसके अलावा उर्वरक अनुज्ञापत्र हेतु योग्यता प्रमाण पत्र, जिलों द्वारा पीएम-प्रणाम योजना हेतु किए गए प्रयासों की जानकारी ली गई। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा निरंतर केंद्र सरकार से समन्वय स्थापित कर उर्वरकों की आपूर्ती करवाई जा रही है। राज्य के किसानों को पर्याप्त मात्रा में उर्वरकों की उपलब्धत सुनिश्चित करने हेतु खरीफ 2025 में अप्रैल से अगस्त तक भारत सरकार द्वारा आवंटित 8 लाख 82 हजार मैट्रिक टन यूरिया के विरुद्ध अब तक 8 लाख 37 हजार मैट्रिक टन की आपूर्ती की जा चुकी है। शेष अवधि में 45 हजार मैट्रिन यूरिया की आपूर्ती जल्द ही कर दी जायेगी। इसी प्रकार अप्रैल माह से अगस्त तक भारत सरकार द्वारा आवंटित 4 लाख 36 हजार मैट्रिक टन डीएपी के विरूद्ध अब तक 3 लाख 67 हजार मैट्रिन टन की आपूर्ती की जा चुकी है। शेष 69 हजार मैट्रिन डीएपी की आपूर्ती प्रस्तावित है।
कृषि एवं उद्यानिकी मंत्री ने बैठक में जिलों द्वारा उर्वरकों के संतुलित उपयोग, उर्वरकों के परिगमन/डायवर्जन, गैर कृषि कार्यों में अनुदानित यूरिया उपयोग, जमाखोरी, कालाबाजारी को रोकने एवं चैक पोस्ट स्थापित करने पर चर्चा की। बैठक में उन्होंने एसएसपी उपयोग के पोस्टर का विमोचन भी किया। टैगिंग करने वाले आदान विक्रेताओं एवं डीलर पर सख्ताई से कार्यवाही करने के निर्देश दिए साथ ही आदान विक्रेताओं के यहां आधान परिसर के बाहर विभागीय पैकेज ऑफ प्रैक्टिसेज के अनुसार उर्वरक उपयोग के बैनर लगाने के लिए निर्देशित किया। जिलेवार गुण नियंत्रण अभियान के तहत सीजर व एफआईआर पर प्रगति की समीक्षा की गई। उन्होंने बताया कि विशेष गुण नियंत्रण अभियान के तहत कृषि विभाग द्वारा कुल 115 निरीक्षण किये गये जिनमें 78 सीजरनामा व 62 एफआईआर दर्ज हुई। बैठक के अंत में माननीय मंत्री महोदय द्वारा सभी विभागीय अधिकारियों को रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को कम करने, अपने खेत व माटी में अधिक से अधिक जैव उर्वरक, कार्बनिक खाद का उपयोग करने एवं अपने साथी कृषकों को भी इसकी जानकारी देने के लिए “धरती माता बचावो अभियान” की शपथ दिलवाई।बजट घोषणा 2025-26 की समीक्षा करते हुए डॉ. मीणा ने योजनाओं को पूरी ईमानदारी से लागू कर पात्र किसानों को ज्यादा से ज्यादा लाभ देते हुए समय पर पूरी करने के निर्देश दिए। उन्होंने बजट घोषणाओं का शत् प्रतिशत क्रियान्वयन करने तथा योजनाओं का कृषक गोष्ठियों, रात्रि चौपालों, सोशल मीडिया, समाचार पत्रों और टीवी चैनल्स के माध्यम से प्रचार-प्रसार कर कृषकों को लाभ पहुंचाने के निर्देश दिए। उन्होंने अनुदानित यूरिया का गैर कार्यों में उपयोग न हो, इसके लिए विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए। ऐसी कम्पनियां जिनकी सेंपलिंग नहीं हुई है, उनकी प्राथमिक्ता से सेंपलिंग कर उच्च गुणवत्ता युक्त उर्वरकों की आपूर्ती निश्चित करने के लिए कहा। कृषि विभाग की विभिन्न गतिविधियों का प्रचार-प्रसार चौपाल, यू ट्यूब चैनल, सोशल मीडिया द्वारा ज्यादा से ज्यादा करवाया जाए। फसल कटाई के बाद मिट्टी के ज्यादा से ज्यादा सैंपल लेकर किसानों को सॉयल हेल्थ कार्ड के अनुसार उर्वरकों का उपयोग करने के सलाह देने के निर्देश दिए। बैठक में फार्म पौंड, सिंचाई पाईप लाइन, कृषि यंत्र, तारबंदी, गोवर्धन जैविक उर्वरक योजना, वर्मी कम्पोस्ट इकाई सहित अन्य योजनाओं पर विस्तार से समीक्षा की गई तथा आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।