जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि प्रदेश में प्रचुर मात्रा में खनिज संसाधन उपलब्ध होने से यह क्षेत्र राज्य के विकास में महती भूमिका निभाता है। साथ ही, यह क्षेत्र स्थानीय रोजगार एवं क्षेत्रीय विकास की भी अहम कड़ी है। हमारी सरकार प्रदेश को खनन क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि खनिज संसाधनों का समुचित दोहन करते हुए समयबद्ध राजस्व लक्ष्यों की प्राप्ति की जाए। साथ ही, प्रदेश में हो रहे अवैध खनन पर सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि अवैध खनन में संलिप्त किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाए। शर्मा मंगलवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में खान एवं पेट्रोलियम विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य में असीम खनिज संपदा की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए नए खनिज ब्लॉक्स की पहचान की जाए। साथ ही, अत्याधुनिक नवाचार एवं एआई का उपयोग करते हुए नए खनिज ब्लॉक्स की संख्या बढ़ाई जाए। उन्होंने कहा कि खनिज संपन्न राज्यों में खान क्षेत्र में किए जा रहे नवाचारों एवं राजस्व वृद्धि के लिए किए जा रहे कार्यों का अध्ययन किया जाए जिससे राजस्व में वृद्धि की जा सके।
नीलामी प्रक्रिया में लाएं पूर्ण पारदर्शिता
मुख्यमंत्री ने कहा कि खनन क्षेत्र में बड़ी संख्या में कुशल एवं अकुशल श्रमिकों को रोजगार प्राप्त हो रहा है। राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि रोजगार को बढ़ावा देते हुए प्रदेश में वैध खनन को बढ़ावा दिया जाए, अवैध खनन पर अंकुश लगे। उन्होंने कहा कि खनन क्षेत्र में नीलामी प्रक्रिया में पूर्ण पारदर्शिता बरती जाए तथा पुलिस, परिवहन एवं खान विभाग आपसी समन्वय कर अवैध खनन की रोकथाम के लिए कार्ययोजना बनाएं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अवैध खनन निर्धारण के लिए क्षेत्र में ड्रोन सर्वे को बढ़ाया जाए। साथ ही, खनन पट्टा क्षेत्रों एवं अवैध खनन स्थलों की जियो फैन्सिग को और प्रभावी बनाया जाए।
एम-सेण्ड को दिया जा रहा प्रोत्साहन
शर्मा ने कहा कि प्रदेश में बजरी के विकल्प के रूप में एम-सेण्ड के उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए एम-सेण्ड नीति 2024 जारी की गई है। इस नीति के माध्यम से एम सैंड यूनिट लगाने वाले उद्यमियों को प्रोत्साहन दिया गया है जिससे एम-सेण्ड के लिए प्रदेश में अनेक प्लांट्स संचालित हैं। उन्होंने अधिकारियों को इन सभी प्लांट्स की प्रगति की नियमित मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को प्रदेश में खनिज संसाधनों की संभावनाओं को जानने के लिए भी प्रभावी कार्ययोजना बनाए जाने के भी निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि खान विभाग द्वारा एम-सेण्ड पॉलिसी, मिनरल डवलपमेंट, एनवायरनमेंट प्रोटेक्शन और अवैध माइनिंग मॉनिटरिंग कमेटी का गठन, ई-रवन्ना, ई-टीपी के गलत इस्तेमाल के लिए टीम का गठन तथा अवैध खनन संवेदनशील क्षेत्रों में बॉर्डर होम गार्ड की तैनाती जैसे कार्य किए गए हैं। साथ ही, प्रदेश में खनन से रॉयल्टी वृद्धि हेतु खनिज परिवहन के लिए जीपीएस एवं आरएफआईडी युक्त वाहनों की बाध्यता की जा रही है। समस्त विभागीय एमपैनल्ड वे-ब्रिज पर स्टेण्डर्ड सॉफ्टवेयर का उपयोग, तुलायंत्रो पर सैंसर्स, ए.आई. कैमरा सहित विभिन्न नवाचार किए गए हैं। इससे पहले प्रमुख शासन सचिव खान टी. रविकांत ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से खान एवं पेट्रोलियम विभाग के नवाचारों, कार्यक्रमों तथा योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार शर्मा सहित संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित रहे।



