जयपुर। राजस्थान विधान सभा में प्रतिपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने सरकार पर अकर्मण्यता का आरोप लगाते हुए कहा कि विभागीय अधिकारियों की लापरवाही की वजह से अल्पसंख्यक वर्ग के युवाओं को रोजगार सम्बन्धी प्रशिक्षण देने और स्वरोजगार के अवसर सृजित करने के उद्देश्य से शुरू की गई अल्पसंख्यक कौशल विकास योजना आज कागजों में सिमट कर रह गई है। जूली ने कहा कि मुख्यमंत्री प्रदेश की जनता को अफसरों के भरोसे छोड़ कर, उडन खटोले से दिल्ली के दौरे करने में व्यस्त हैं और अफसरों की लापरवाही का आलम यह है कि धीरे-धीरे सभी जनकल्याणकारी योजनाएं प्रभावी मॉनिटरिंग के अभाव में दम तोड़ रही हैं। उन्होंने कहा कि विभागीय अफसरों की लापरवाही की वजह से अल्पसंख्यक कौशल विकास योजना लम्बे समय से ठप पडी है। जूली ने बताया कि इस योजना के तहत मार्च, 2025 तक एक करोड रूपये खर्च करना था, लेकिन तय समय सीमा तक एक रूपया भी खर्च नहीं कर पाने पर अफसरों द्वारा आनन-फानन में टेंडर प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन वे उसमें भी सफल नहीं हो सके और फिर अफसरों ने अपना बचाव करने के लिये इस पैसे को अल्पसंख्यक छात्रावासों और विद्यालयों के निर्माण कार्यों सहित अन्य कार्यों में खर्च कर दिया। जूली ने अल्पसंख्यक युवाओं के हक के पैसे का दुरूपयोग करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कार्रवाई करने की मांग करते हुए सरकार को चेताया है कि सरकार अपनी तंद्रा से जागे और प्रदेश की जनता को अफसरों के भरोसे न छोड़कर, जो जिम्मेदारी उन्हें दी गई है, उसे भली प्रकार निभाये। जूली ने बताया कि इस योजना के तहत पिछले डेढ वर्ष से न तो किसी प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया है और न ही अल्पसंख्यक वर्ग के युवाओं के स्वावलम्बन की दिशा में कोई सकारात्मक काम किया गया है। सरकार को चाहिए कि वह सबका साथ, सबका विकास की खोखली बाते नहीं करके अपने राजधर्म का पालन कर, उनके विकास की योजनाओं को भी प्रोत्साहित करे।

जयपुर: सरकार की लापरवाही की वजह से अल्पसंख्यक कौशल विकास योजना भी हुई ठपः नेता प्रतिपक्ष जूली
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