जयपुर: कृषि एवं ग्रामीण विकास विभाग की बैठक का आयोजन, राज्य के विकास कार्यों को मिले गति, बजट घोषणाओं का हो समयबद्ध क्रियान्वयन : मुख्य सचिव

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जयपुर। मुख्य सचिव श्री वी. श्रीनिवास ने अधिकारियों को सम्बंधित विभागों की बजट घोषणाओं के समयबद्ध क्रियान्वयन के लिए निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विभागों द्वारा ‘विकसित राजस्थान @ 2047’ में उल्लेखित मध्यावधि एवं दीर्घकालिक कार्ययोजना बनाकर लक्ष्यों की प्राप्ति सुनिश्चित की जाएं। मुख्य सचिव सोमवार को शासन सचिवालय में ग्रामीण एवं कृषि विभाग की बैठक ले रहे थे। उन्होंने विभागीय अधिकारियों से उनके विभाग द्वारा संचालित योजनाओं, कार्यक्रमों एवं ‘विकसित राजस्थान @ 2047′ के सम्बन्ध में हो रही प्रगति की जानकरी ली। उन्होंने कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता, प्रभावशीलता और जनहित सर्वोपरि रखा जाए। श्री वी. श्रीनिवास ने कहा कि सुशासन को मजबूती देने के लिए राज्य सरकार की प्रथमिकता अंतिम लाभार्थी तक सेवा पहुँचाना है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि योजनाओं में आ रही किसी भी बाधा को तुरंत चिन्हित कर समाधान सुनिश्चित करें तथा अंतर-विभागीय समन्वय को मजबूत करें ताकि राज्य के विकास कार्य तेज़, सटीक और लक्ष्य आधारित रूप से आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि विकसित राजस्थान 2047’ राज्य का दीर्घकालिक विकास रोडमैप है, जिसके लिए सभी विभाग अपने लक्ष्यों, रणनीतियों और जिम्मेदारियों को स्पष्ट रूप से परिभाषित करें। बैठक मेंअतिरिक्त मुख्य सचिव ग्रामीण विकास विभाग श्रीमती श्रेया गुहा ने विभागीय योजनाओं एवं कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी दी। उन्होंने राजीविका के माध्यम से प्रदेश की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने वाली विभिन्न गतिविधियों के बारे में बताया। सहकारिता विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रीमती मंजू राजपाल ने बताया कि विभाग द्वारा प्रदेश में संचालित सहकारी समितियों का डिजिटलीकरण कर त्वरित लेन-देन एवं पारदर्शी ऋण सुविधाओं को सुनिश्चित किया जाएगा। विकसित राजस्थान @ 2047 के लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में सभी पैक्स के कम्प्यूटरीकरण एवं अन्न भण्डारण क्षमता को बढ़ाने के लिए कोल्ड स्टोरेज का विकास किया जाएगा। कृषि एवं पंचायती राज (कृषि) की आयुक्त सुश्री चिन्मयी गोपाल ने बताया कि जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में जलवायु स्मार्ट कृषि की दिशा में प्रयास किये जा रहे हैं। कृषि में तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देकर फसल उत्पादन में वृद्धि के साथ ही किसानों को पशुपालन एवं अन्य माध्यम से जोड़कर उनके आय के साधनों में वृद्धि को सुनिश्चित किया जाएगा। पशुपालन विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना के अंतर्गत प्रदेश के विभिन्न किसान लाभान्वित किये जा रहे है एवं विभाग द्वारा पशुधन में सेक्स सॉर्टेड कृत्रिम गर्भाधान की सफल प्रक्रिया का संचालन भी किया जा रहा है। मत्स्य ठेका प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए मत्स्य विभाग द्वारा ई-ऑक्शन पोर्टल शुरू किया गया है। अतिरिक्त खाद्य आयुक्त श्रीमती पूनम प्रसाद ने बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA ) के अंतर्गत गिव अप अभियान के तहत प्रदेशभर में 47 लाख अपात्र लोगों द्वारा स्वेच्छा से खाद्य सुरक्षा छोड़कर सामाजिक उत्तरदायित्व का परिचय दिया गया। साथ ही, 27 लाख से अधिक व्यक्ति ई-केवाईसी नहीं करवाने के कारण स्वतः सूची से बाहर हो गए, जिससे नए पात्र लाभार्थियों के लिए स्थान उपलब्ध हुआ है। बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव जल संसाधन विभाग श्री अभय कुमार, शासन सचिव आयोजना डॉ. रवि कुमार सुरपुर, शासन सचिव पंचायतीराज डॉ. जोगाराम एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्तिथ रहे।

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