जयपुर: एसएमएस अस्पताल में आग सरकारी लापरवाही और राजस्थान के स्वास्थ्य तंत्र की विफलता का प्रमाण- हनुमान बेनीवाल

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जयपुर। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष औऱ नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा है कि सवाई मानसिंह अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में आग लगने से हुई जनहानि अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। यह घटना हृदय को झकझोर करने वाली है। ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत जनों की आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान प्रदान करें व घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान करें। बेनीवाल ने कहा कि जयपुर स्थित राजस्थान के सबसे बड़े सरकारी स्वास्थ्य संस्थान, सवाई मानसिंह अस्पताल (SMS Hospital) में हुई आगजनी की दर्दनाक घटना ने पूरे प्रदेश को झकझोर करके रख दिया है। इस भयावह हादसे में निर्दोष मरीजों की जानें चली गई जो न केवल एक मानवीय त्रासदी है, बल्कि सरकारी लापरवाही और राजस्थान के स्वास्थ्य तंत्र की विफलता का प्रमाण भी है। बेनीवाल ने कहा कि हाल ही में राजस्थान में कफ सिरप से मौतें हुई,पूरा स्वास्थ्य विभाग उन मौतों के लिए जिम्मेदार कम्पनी और अफसरों को बचाने में लग गया और खुद स्वास्थ्य मंत्री ब्लैक लिस्टेड कंपनी को क्लीन चिट देते हुए नजर आए और अब इस आगजनी में कई निर्दोष जाने चली गई ऐसे में यह सवाल उठाना लाज़मी है कि आखिर कब तक आम जनता को इस तरह सरकारी लापरवाहियों की कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ेगी? प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर की आंख इतनी बड़ी घटना के 10 घंटे बाद खुली है जो उनके दायित्व के प्रति बड़ी लापरवाही को उजागर करती है क्योंकि उनमें यदि जरा सी भी संवेदनशीलता होती तो वो रात्रि में ही घटना की खबर सुनते ही जयपुर रवाना हो जाते मगर उन्होंने मौके पर जाने की बजाय नींद लेना ज्यादा उचित समझा। राजस्थान की सरकार ने इस आगजनी की जांच के लिए कहा है, मगर प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से हमारी मांग है कि इस घटना की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच आवश्यक है ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृति नहीं हो इसलिए हाईकोर्ट के सीटिंग अथवा रिटायर्ड जज की मॉनिटरिंग में एक आयोग बनाकर इस पूरे मामले की न्यायिक जांच भी करवाई जाए और जिस स्तर पर भी कमी – खामी रही और जिनकी वजह से रही उनके खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की जाए। साथ ही राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में अग्नि सुरक्षा और आपात प्रबंधन प्रणाली की तुरंत समीक्षा करवाई जाए और इस आगजनी की घटना में दिवंगत हुए नागरिकों के परिजनों को एक – एक करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता दी जाए और जो गंभीर रूप से झुलसे है उनका बेहतर से बेहतर इलाज करवाया जाए और आवश्यकता पड़े तो ऐसे मरीजों को दिल्ली एम्स भी एयरलिफ्ट करके भेजा जाए।

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