जयपुर। मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा के दूरदर्शी नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में राज्य सरकार सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम और सड़क सुरक्षा व्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए निरंतर सार्थक कदम उठा रही है। इसी दिशा में प्रदेशभर में 4 से 18 नवम्बर तक 15 दिवसीय सड़क सुरक्षा अभियान चलाया जा रहा है।
अभियान के पहले दिन पुलिस विभाग द्वारा प्रदेशभर में की गई कार्रवाई-
अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस, यातायात डॉ. बी. एल. मीना ने बताया कि अभियान के पहले दिन शराब पीकर वाहन चलाने पर 307, तेज गति से वाहन चलाने पर 2743, गलत दिशा में वाहन चलाने पर 753, खतरनाक तरीके से वाहन चलाने पर 178, बिना रिफ्लेक्टर वाहन चलाने पर 149, बिना नम्बर प्लेट वाहन चलाने पर 529 वाहन चालकों पर कार्रवाई की गई। उन्होंने बताया कि 4 नवंबर को 15 हजार 618 सड़क उपयोगकर्ताओं को यातायात नियमों के बारे में जानकारी दी गई। अभियान के दौरान प्रदेश में पुलिस विभाग के लगभग 4 हजार 500 कार्मिक मौके पर तैनात रहे। डॉ. मीना ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न राजमार्गों पर एनएच-48 मॉडल के अनुरूप लेन ड्राइविंग सिस्टम को लागू करने की दिशा में 135 पुलिस जाप्तों के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया गया। वहीं, 143 पुलिस जाप्ते लेन ड्राइविंग के नियमों को सुनिश्चित करने के लिए तैनात किए गए। इस दौरान नियमों की अवहेलना करने पर 49 वाहन चालकों के विरूद्ध कार्रवाई भी की गई।
परिवहन विभाग ने नियमों का उल्लंघन करने पर की व्यापक कार्रवाई –
परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग ने अभियान के पहले व दूसरे दिन (4 व 5 नवंबर) कार्रवाई करते हुए प्रदेश में नियमों का उल्लंघन करने पर 2758 वाहनों के चालान किए। इस दौरान मालवाहक वाहनों पर ओवरलोडिंग के 193, इन वाहनों में यात्री पाए जाने पर 85 तथा अन्य नियमों के उल्लंघन करने पर 1819 मालवाहक वाहनों के चालान कर कार्रवाई की गई। यात्री वाहनों में क्षमता से अधिक यात्री पाए जाने पर 42, छत पर सामान रख संचालन करने पर 6 बसों तथा अन्य नियमों का उल्लंघन करने पर 181 यात्री वाहनों का चालान किया। अभियान के दौरान परिवहन विभाग द्वारा 83 व्यक्तियों के ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त किए गए, 7 वाहनों का परमिट भी कैंसिल किया गया तथा 116 वाहनों को सीज किया गया है। इस दौरान अन्य प्रकरणों में भी विभाग द्वारा चालान किए गए हैं। उल्लेखनीय है कि इस अभियान का उद्देश्य राज्य में सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम एवं मृत्यु दर घटाना, यातायात नियमों के पालन को सख्ती से लागू करना, सड़क अधोसंरचना एवं आपातकालीन सहायता प्रणाली को सुदृढ़ करना, सड़क उपयोगकर्ताओं में जागरूकता एवं जिम्मेदारी की भावना बढ़ाना है।



