जयपुर। उप मुख्यमंत्री एवं महिला एवं बाल विकास मंत्री दिया कुमारी ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि 17 सितम्बर से 16 अक्टूबर 2025 तक आयोजित होने वाले अष्टम राष्ट्रीय पोषण माह को और अधिक प्रभावी तरीके से मनाया जाए। उन्होंने कहा कि “जैसे पिछले पोषण पखवाड़े में राजस्थान ने देश में नम्बर-1 स्थान हासिल किया था, वैसे ही इस बार भी हमारा लक्ष्य सर्वोच्च प्रदर्शन कर पोषण अभियान को जन-आंदोलन का स्वरूप देना है।”महिला एवं बाल विकास विभाग के शासन सचिव महेन्द्र सोनी ने बताया कि पिछली बार राजस्थान ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए पूरे देश में पहला स्थान प्राप्त किया था। इस बार भी व्यापक स्तर पर गतिविधियों के जरिए बेहतर परिणाम हासिल करने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।उल्लेखनीय है कि सक्षम आंगनबाड़ी एवं पोषण अभियान 2.0 के तहत वर्ष 2018 से हर साल सितम्बर माह को “राष्ट्रीय पोषण माह” के रूप में मनाया जा रहा है। इसका उद्देश्य स्वास्थ्य और पोषण के प्रति व्यापक जन-जागरूकता, सामुदायिक भागीदारी और विभिन्न विभागों एवं मंत्रालयों के सहयोग से इसे जन-आंदोलन का स्वरूप देना है। आईसीडीएस निदेशक वासुदेव मालावत ने बताया कि पोषण माह के दौरान सामाजिक और व्यवहार परिवर्तन संचार तथा सामुदायिक जागरूकता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके लिए दैनिक गतिविधियों का कैलेंडर जारी किया गया है, जिसके अंतर्गत जिला स्तर से लेकर परियोजना और आंगनबाड़ी केन्द्रों तक रैली, मेला, संगोष्ठी, प्रतियोगिता, प्रदर्शनी और बैठकें आयोजित की जाएंगी। सभी गतिविधियों का विवरण प्रतिदिन जन-आंदोलन डैशबोर्ड पर दर्ज किया जाएगा तथा उन्हें मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म (फेसबुक, यूट्यूब, व्हाट्सएप, कम्युनिटी रेडियो आदि) पर भी साझा किया जाएगा।
इस बार होने वाली प्रमुख गतिविधियाँ—
बच्चों और वयस्कों में मोटापे के दुष्प्रभावों से बचाव हेतु चीनी, नमक और तेल के सीमित उपयोग के लिए समुदाय को जागरूक करना। “पढ़ाई भी – पोषण भी” के तहत 0 से 3 वर्ष तक के बच्चों की प्रारंभिक देखभाल और शिक्षा के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व मेंटर शिक्षकों को प्रशिक्षण देना। 6 माह से 2 वर्ष तक के बच्चों के शिशु आहार और पोषण संबंधी जानकारी देना – कब, कितना और कैसे खिलाना है, स्थानीय खाद्य सामग्री से पोषाहार को ऊर्जा-समृद्ध बनाने के उपाय। स्वास्थ्य और पोषण में पुरुषों की भागीदारी बढ़ाने हेतु समुदाय को प्रेरित करना और आदर्श पुरुषों को रोल मॉडल के रूप में प्रस्तुत करना। “लोकल के लिए वोकल” को प्रोत्साहित करते हुए आंगनबाड़ी केन्द्रों पर स्थानीय, किफायती सामग्री से बच्चों के लिए खिलौने और शैक्षिक उपकरण तैयार करने हेतु समुदाय को जागरूक करना। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा “स्वस्थ नारी – सशक्त परिवार” थीम पर महिलाओं की विभिन्न स्वास्थ्य जांचें कराना।