जयपुर। पशुपालन, डेयरी, गोपालन और देवस्थान मंत्री श्री जोराराम कुमावत ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में पिछले दो वर्षों में पशुपालन विभाग ने पशु स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को व्यापक और सरल बनाया है। विभिन्न जिलों में नए पशु चिकित्सा संस्थानों की स्थापना की गई । पुराने संस्थानों का आधुनिकीकरण किया गया, जिससे पशुओं के उपचार, टीकाकरण और षल्य क्रियाओं की गुणवत्ता में सुधार आया।
विभिन्न पदों पर रिकार्ड भर्ती
मंत्री श्री कुमावत ने बताया कि विभाग में विभिन्न पदों पर बड़ी नियुक्तियां हुई हैं। दो सालों में जितनी संख्या में नियुक्ति हुई है वह एक रिकार्ड है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री की स्पष्ट सोच है कि मैन पावर की कमी की वजह से विभाग का काम प्रभावित नहीं होना चाहिए और पशुपालकों को परेशानी नहीं होनी चाहिए। इसीलिए वर्ष 2019 से लम्बित भर्ती प्रक्रिया को बिना देरी किए पूर्ण कर 727 पशु चिकित्साधिकारियों को नियमित नियुक्ति प्रदान की गई है। प्रदेश के आठ जिलों में आवश्यक अस्थायी आधार पर 500 पशुधन सहायकों एवं 125 पशु चिकित्साधिकारियों की भर्ती की गई है। साथ ही 1100 पदों पर पशु चिकित्साधिकारियों की भर्ती प्रक्रिया भी शुरू की जा चुकी है। श्री कुमावत ने बताया कि केवल पशु चिकित्सक ही नहीं बल्कि तकनीकी कार्मिकों की भी कमियों को दूर करने के लिए भी प्रयास किए गए। इस दिशा में राज्य में 5778 पशु परिचरों को नियुक्ति प्रदान की जा चुकी है शेष 774 की नियुक्तियां भी इसी माह कर दी जाएंगी। पशुधन निरीक्षक के 2783 पदों पर नियुक्ति के लिए परीक्षा का परिणाम जारी होने के बाद दस्तावेज प्रमाणीकरण का कार्य पूरा हो चुका है। शीष्र ही नियुक्ति के आदेश जारी किये जायेंगे।
पशु चिकित्सा संस्थानों का सुदृढ़ीकरण
पशुपालन मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि समस्त जिलों की सभी ग्राम पंचायतों में विभागीय पशु चिकित्सा संस्था उपलब्ध हो ताकि स्थानीय पशुपालकों को उनके नजदीक ही पशु चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध हो सकें। इसी प्रयास के क्रम में 50 प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालयों को बहुउददेशीय पशु चिकित्सालयों में, 101 पशु चिकित्सालयों को प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालय में तथा 151 पशु चिकित्सा उपकेन्द्रों को पशु चिकित्सालयों में क्रमोन्नत किया गया है, साथ ही दो नवीन पशु चिकित्सालय एवं 700 नवीन पशु चिकित्सा उपकेन्द्र स्वीकृत किये गये हैं, जिसके तहत कुल 2423 नवीन पद सृजित किये गये हैं। इसके साथ ही प्रदेश के 100 पशु चिकित्सालयों एवं 475 पशु चिकित्सा उपकेन्द्रों में आधारभूत संरचना विकसित किये जाने के लिए 200 करोड़ रुपये की लागत से भवन निर्माण, फर्नीचर एवं उपकरण आदि उपलब्ध करवाये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के दो वर्ष का कार्यकाल ग्रामीण आजीविका, पशुधन विकास और किसान कल्याण के लिहाज़ से निश्चित रूप से बहुत महत्वपूर्ण रहा है। इस अवधि में पशुपालन विभाग ने न केवल अपनी योजनाओं का प्रभावी विस्तार किया है बल्कि तकनीकी नवाचारों, सेवा पारदर्शिता और पशुधन आधारित आय में वृद्धि जैसे कई क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की है।



