जयपुर: देवनानी ने लंदन में गांधीजी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की- विधानसभा अध्यक्ष ने ब्रिटिश नेशनल पोर्ट्रेट गैलरी में महाराजा गंगा सिंह के चित्र का अवलोकन किया- ब्रिटिश म्यूजियम में मां सरस्वती के चित्र के समक्ष शीश नवाकर नमन किया

ram

जयपुर। राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी ने लंदन में राष्ट्र पिता महात्मा गांधी की प्रतिमा, ब्रिटिश नेशनल पोर्ट्रेट गैलरी में महाराजा गंगा सिंह के पोर्ट्रेट और ब्रिटिश म्यूजियम में मां सरस्वती के चित्र का अवलोकन कर भारत की महान विरासत पर गौरव का अनुभव किया। गांधीजी की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित – श्री देवनानी ने लंदन में राष्ट्र पिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया। उन्होंने कहा कि गांधीजी केवल भारत नहीं, बल्कि संपूर्ण मानवता के प्रेरणापुंज है। उनका सत्य, अहिंसा और नैतिकता पर आधारित जीवन आज भी विश्व के लिए मार्गदर्शक है। गांधीजी की लंदन जैसे शहर में प्रतिमा यह स्मरण कराती है कि भारत की कार्य शैली करुणा, शांति और सत्य पर आधारित है। आज जब विश्व अनेक संघर्षों से गुजर रहा है, तब गांधी जी के सिद्धांत मानवता के लिए प्रकाश स्तंभ हैं। महाराजा गंगा सिंह के ऐतिहासिक चित्र का अवलोकन – श्री देवनानी ने ब्रिटिश नेशनल पोर्ट्रेट गैलरी का अवलोकन किया और बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह के ऐतिहासिक ऑयल पेंटिंग पोर्ट्रेट को देखा। इस चित्र को आइरिश चित्रकार सर जॉन लेवरी ने वर्ष 1921 में बनाया था। इस चित्र में महाराजा गंगा सिंह को राजसी परिधान और ब्रिटिश फील्ड मार्शल यूनिफॉर्म में दर्शाया गया है, जो उस कालखंड में एक भारतीय शासक के वैश्विक प्रभाव और नेतृत्व का प्रतीक है। श्री देवनानी ने कहा कि यह पोर्ट्रेट केवल राजस्थान नहीं, बल्कि पूरे भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारतीय गौरव की पहचान है। उन्होंने कहा कि महाराजा गंगा सिंह ने भारत की आवाज़ को विश्व पटल पर प्रभावशाली ढंग से रखा। वे ब्रिटिश काल में भारतीय स्वाभिमान के जीवंत प्रतीक थे। ब्रिटिश म्यूजियम में मां सरस्वती के चित्र को नमन किया- श्री देवनानी ने ब्रिटिश म्यूजियम में मां सरस्वती के चित्र के समक्ष शीश नवाकर नमन किया। श्री देवनानी ने म्यूजियम को कला और इतिहास का अनुपम संगम बताते हुए कहा कि यह संग्रहालय भारत-ब्रिटिश सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों का जीवंत प्रतीक है। श्री देवनानी ने कहा कि गांधीजी और महाराजा गंगा सिंह दोनों ही भारतीय इतिहास के ऐसे दो प्रेरक स्तंभ हैं, जिन्होंने भिन्न-भिन्न मार्गों से विश्व को भारतीय मूल्यों की शक्ति का परिचय कराया। उन्होंने अपने इस अनुभव को विस्मयपूर्ण और गर्व से परिपूर्ण क्षण बताया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *