जयपुर। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर्स को निर्देश दिए हैं कि सुरक्षा सेवाओं के दौरान घायल तथा उसके उपरांत सेवानिवृत्त हो चुके वीर सैनिकों की समस्याओं की प्राथमिकता से समीक्षा कर उनका त्वरित समाधान सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्र एवं समाज की सुरक्षा में अपना जीवन समर्पित करने वाले ये वीर हमारे गौरव हैं, इनके सम्मान और पुनर्वास के कार्यों में किसी भी स्तर पर विलंब नहीं होना चाहिए। श्री शर्मा ने आतंकवाद निरोधी कार्रवाई में घायल और सेवानिवृत्ति के बाद आर्थिक एवं स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना कर रहे जांबाजों की समस्याओं के समाधान को विशेष प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ऐसे सभी मामलों में जिला प्रशासन सक्रिय भूमिका निभाएं और पात्र वीर सैनिकों, शहीद परिवारों और युद्ध में दिव्यांग हुए सैनिकों को सरकारी योजनाओं, पेंशन एवं अन्य प्रावधानों का पूर्ण लाभ मिलना सुनिश्चित करें।
जिला कलेक्टर्स करें व्यक्तिगत मॉनिटरिंग, लगाएं शिविर—
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि औपचारिकताओं एवं प्रक्रियागत बाधाओं के कारण किसी भी स्तर पर जांबाज वीर सैनिकों को सहायता मिलने में विलंब नहीं होना चाहिए। जिला कलेक्टर अपने-अपने क्षेत्रों में ऐसे सभी प्रकरणों की व्यक्तिगत मॉनिटरिंग करें और जरूरत पड़ने पर विशेष शिविर आयोजित कर जाबांज सैनिकों की समस्याओं का निस्तारण करें। उन्होंने निर्देश दिए कि सुरक्षा बलों, सेना, अर्द्धसैनिक बलों और पुलिस में सेवा दे चुके उन जांबाजों की सूची भी तैयार की जाए, जो अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए गंभीर रूप से घायल हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार वीर सैनिकों एवं सुरक्षा बलों के जवानों के सम्मान और हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने आमजन से वीर सैनिकों के मान-सम्मान और सहयोग में आगे आने की अपील की।


