जयपुर। राजकीय कार्यों में पारदर्शिता, जवाबदेही और सुशासन सुनिश्चित करते हुए राज्य सरकार भ्रष्ट, लापरवाह और अनुशासनहीन कार्मिकों के विरुद्ध निरंतर सख्त कार्रवाई कर रही है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने जल जीवन मिशन की निविदा में फर्जीवाडे़ एवं मिली-भगत कर भ्रष्टाचार करने के आरोपों के संबंध में तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव, जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग एवं विभाग के 05 अधिकारियों सहित कुल 06 अधिकारियों के विरूद्ध 17-ए में विस्तृत जांच एवं अनुसंधान कार्यवाही का पूर्वानुमोदन किया है। मुख्यमंत्री ने प्रकरण में भ्रष्टाचार निवारण ब्यूरो एवं प्रवर्तन निदेशालय द्वारा संचालित कार्यवाही की निरन्तरता में भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम की धारा 17-ए में विस्तृत जांच का अनुमोदन करते हुए सख्त कार्रवाई की है। निविदा कार्य से जुडे़ हुए तकनीकी एवं वित्तीय मूल्यांकन समितियों में गड़बड़ी के जिम्मेदार मुख्य अभियंता से लेकर अधिशाषी अभियंता एवं अधीक्षण अभियंता सहित तकनीकी सदस्यों तथा सचिव स्तर के अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही का अनुमोदन किया गया है ताकि सभी पक्ष उजागर हो सके और दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही सुनिश्चिित हो सके। इसके अतिरिक्त राजकीय दायित्वों के निर्वहन में गड़बड़ी करने के आरोपों में एक अन्य आई.ए.एस. अधिकारी के विरूद्ध भी अखिल भारतीय सेवाए (वर्गीकरण, अनुशासन एवं अपील) 1969 के नियम 8 के तहत नवीन जांच कार्यवाही प्रारम्भ करने का अनुमोदन किया गया है। साथ ही, राजस्थान सिविल सेवाए (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम, के नियम 34 के तहत 05 अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत रिव्यू याचिका को खारिज करते हुए पूर्व प्रदत्त दण्ड को यथावत रखने का अनुमोदन किया गया। वहीं, सीसीए-नियम 16 के तहत 02 प्रकरणों में सेवा निवृत्त अधिकारियों के विरूद्ध प्रमाणित जांच निष्कर्ष का अनुमोदन भी आगामी दण्डात्मक कार्यवाही हेतु किया गया।
जयपुर: भ्रष्टाचार के विरूद्ध मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की सख्त कार्रवाई -जल जीवन मिशन में अनियमितताओं के लिए तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव सहित 6 अधिकारियों के विरूद्ध जांच का पूर्वानुमोदन -दो सेवानिवृत्त सहित कुल 14 अधिकारियों के विरूद्ध कार्रवाई का अनुमोदन
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