जयपुर: मुख्यमंत्री ने की गिव अप अभियान की सराहना, प्रगति पर जताया संतोष — 31 दिसम्बर तक बढ़ी गिव अप अभियान की अवधि —करीब 42 लाख अपात्रों ने स्वेच्छा से किया गिव अप, लगभग 70 लाख पात्रों को मिली खाद्य सुरक्षा

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जयपुर। पात्रों को उनका हक दिलाने के लिए गत वर्ष 1 नवंबर को शुरू किया गया गिव अप अभियान व्यापक सहभागिता के कारण सामाजिक न्याय का एक आदर्श उदाहरण बनकर उभरा है। इस अभियान के अंतर्गत खाद्य सुरक्षा सूची से जुड़े संपन्न लोग स्वेच्छा से खाद्य सुरक्षा का त्याग कर रहे हैं। खाद्य सुरक्षा सूची के शुद्धिकरण से गरीब को उसके हक का निवाला मिल रहा है। गत दिनों मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ शिष्टाचार भेंट के दौरान खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा में उन्हें गिव अप अभियान की प्रगति से अवगत करवाया। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अभियान को मिल रहे व्यापक जनसहयोग एवं लगभग एक वर्ष में अभियान की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने गिव अप अभियान की सराहना करते हुए एवं इसको मिल रहे प्रचुर जनसमर्थन के मद्देनजर इसकी अवधि बढ़ाने के दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा गिव अभियान की अवधि को 31 दिसंबर तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। सुमित गोदारा ने बताया कि मुख्यमंत्री की सभी पात्रों को कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ लाभान्वित करने की सोच से प्रेरणा लेकर शुरू किए गए गिव अप अभियान के माध्यम से वास्तविक हकदारों को उनका हक मिल रहा है। उन्होंने कहा कि अभियान को मिले जनसहयोग का ही परिणाम है कि प्रदेशभर में अब तक लगभग 42 लाख लोगों द्वारा स्वप्रेरणा से अपना नाम खाद्य सुरक्षा सूची से हटवाया गया है। वहीं 27 लाख से अधिक लोगों द्वारा ई केवाईसी नहीं करवाए जाने के कारण उनका नाम स्वत: एनएफएसए से हट गया। इससे बनी रिक्तियों के परिणामस्वरूप प्रदेश में क़रीब 70 लाख पात्र लोगों को खाद्य सुरक्षा से जोड़ा गया है। उन्होंने बताया कि निःशुल्क राशन के साथ ही मुख्यमंत्री रसोई गैस सब्सिडी योजना के तहत प्रति वर्ष 450 रुपए में 12 गैस सिलेंडर, मुख्यमंत्री आयुष्मान दुर्घटना बीमा योजना के तहत 10 लाख रुपए का सुरक्षा बीमा एवं मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना के तहत निशुल्क चिकित्सा भी एनएफएसए लाभार्थियों को मिल रही है। गोदारा ने कहा कि इससे वंचित लोगों का जीवन स्तर ऊपर उठ रहा है एवं वे मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं।

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