जयपुर। पशुपालन विभाग द्वारा राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन मंगलवार को आगरा रोड स्थित राजस्थान राज्य पशुधन प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान में किया गया। कार्यशाला में प्रदेश के सभी जिलों से 150 संभागियों ने भाग लिया जिसमें राष्ट्रीय पशुधन से जुड़े विभिन्न विषयों पर सत्र आयोजित किए जाएंगे। कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ अरुण तोमर ने कहा कि राष्ट्रीय पशुधन मिशन हिंदुस्तान की आवश्यकता है। जिसे पशुपालन के क्षेत्र में बड़े उद्यमी तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है। पशुपालन के क्षेत्र में हम आज कई मामलों में नंबर एक पर हैं लेकिन अभी भी काफी कुछ किए जाने की संभावना शेष है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य है प्रति पशु उत्पादन बढ़ाना। उत्पादन बढ़ाने के लिए एक फार्मूला जी प्लस ई की व्याख्या करते हुए उन्होंने कहा कि अच्छे प्रदर्शन के लिए पशुओं की नस्ल और उसके आधार पर उनका रखरखाव बहुत आवश्यक है। हमें अपने किसानों और पशुपालकों को यह बताना बहुत आवश्यक है कि किस जलवायु के लिए कौन सी नस्ल उपयुक्त है और किससे हम उत्तम उत्पादन ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि पशु चिकित्सा अधिकारियों को केवल पशुओं की चिकित्सा तक ही खुद को सीमित नहीं करना चाहिए बल्कि हमें पशुधन के संपूर्ण विकास की बात करनी चाहिए और अपनी भूमिका को विस्तार देना चाहिए। हमें प्रयास करना चाहिए कि हमारा पशु बीमार ही न हो। उन्होंने कहा कि पशुधन गणना एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है, जिसके आधार पर सारी योजनाओं का निर्माण होता है। उन्होंने समय समय पर होने वाले इस तरह के प्रशिक्षण को पशु चिकित्सकों के साथ विभाग के लिए भी बहुत उपयोगी बताया। पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ सुरेशचंद मीना ने कहा कि राष्ट्रीय पशुधन मिशन पशुपालकों की आय बढ़ाने का प्रभावी माध्यम है। उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण में मास्टर ट्रेनर्स के रूप में जो भी जानकारी लेकर यहां से जाएं उसे और लोगों तक भी पहुंचाएं और इसका लाभ अधिक से अधिक पशुपालकों को मिल सके ऐसा प्रयास सभी करें। उन्होंने कहा कियदि सही जानकारी सही समय पर पशुपालक तक पहुंच जाए तो उसका सीधा लाभ स्वास्थ्य, उत्पादन और आय बढ़ोतरी के रूप में मिलता है। विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ प्रवीण कुमार सेन ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उदेश्य राष्ट्रीय पशुधन मिशन के विषय में सभी को संपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराना है जिससे फील्ड के लोगों तक भी यह जानकारी पहुंचे। ल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय पशुधन मिशन (छस्ड) योजना भारत सरकार की एक पहल है जिसका उद्देश्य पशुधन क्षेत्र (जैसे डेयरी, पोल्ट्री, भेड़, बकरी, सूअर) के सतत विकास के माध्यम से किसानों और पशुपालकों की आय और जीवन स्तर में सुधार करना है, जिसमें उद्यमिता विकास, नस्ल सुधार, चारा और स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देना और बाजार तक पहुंच बढ़ाना शामिल है, जिसके लिए सब्सिडी और प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।

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