जयपुर: जयपुर में “घूमर महाकुंभ – सीजन 2” का रंगारंग आयोजन, राजस्थानी परंपरा की झलक से सजा मंच

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जयपुर। गुलाबी नगरी जयपुर में “घूमर महाकुंभ – सीजन 2” का भव्य आयोजन बड़े उत्साह और सांस्कृतिक गरिमा के साथ सम्पन्न हुआ। इस आयोजन ने जयपुर की लोक-संस्कृति, परंपरा और नारी शक्ति का अद्भुत संगम प्रस्तुत किया।कार्यक्रम के *पैट्रन* श्री बसंत जैन और श्रीमती सोनू अग्रवाल रहे, जिनके सहयोग और मार्गदर्शन से यह आयोजन एक यादगार उत्सव का रूप ले सका। *सेलिब्रिटी गेस्ट* के रूप में राजस्थानी फोक सिंगर मीनाक्षी राठौर और गुजरात से पधारे प्रसिद्ध फिल्म निर्माता राज सिंह राठौर मुख्य अतिथि ने अपनी उपस्थिति से समारोह की शोभा बढ़ाई। कार्यक्रम का संचालन जोशीले अंदाज़ में “करण जी परिहार” ने किया, जिन्होंने मंच को जीवंत बनाए रखा।इस आयोजन के मुख्य प्रायोजक* रहे एल इन ज्वेलर्स ओनारिका ज्वेल्स, पक्की भायली फाउंडेशन समृद्धि क्लब, एडवोकेट ग्रुप,नई उड़ान ग्रुप,ब्राह्मण समाज, एवम् कई लेडीज क्लब जिनके सहयोग से यह आयोजन और भी भव्य बना।रंग-बिरंगे पारंपरिक परिधानों में सजी महिलाओं और युवतियों ने “*घूमर थीम*” के अनुरूप मंच पर अपनी सुंदरता, आत्मविश्वास और लोक-संस्कृति की चमक बिखेरी। रैंपवॉक के दौरान उनकी गरिमामयी प्रस्तुतियों ने दर्शकों का मन मोह लिया।इसके साथ ही प्रतिभागियों ने विभिन्न खेलों में भाग लेकर अनेक आकर्षक उपहार भी जीते। मंच को इस तरह सजाया गया कि हर कोना राजस्थानी संस्कृति की झलक से दमक उठा। हर ओर रंगों की छटा, संगीत की मधुरता और घूमर की लय ने पूरे कार्यक्रम को अविस्मरणीय बना दिया।रंगीन घूमर थीम*” ने पूरे माहौल में मानो चार चाँद लगा दिए, यह दृश्य देखने लायक और दिल को छू लेने वाला था।सभी प्रतिभागियों के उत्साहजनक फीडबैक ने आयोजकों की मेहनत को सार्थक बना दिया।प्रोग्राम में प्रतिभागी राजस्थान के कई जिलों से जैसे जयपुर, जोधपुर, सीकर, बीकानेर और बाहर से जैसे गुजरात, पंजाब और हरियाणा से भी आएइस पूरे कार्यक्रम की आत्मा रही “विशेष महिला ओनारिका जी” । “ ओनारिका जी और उनकी टीम की लगन और समर्पण ने पूरे आयोजन को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया और वर्ष 2025 को जयपुर की सांस्कृतिक स्मृतियों में अमर कर दिया। प्रोग्राम के फोटोग्राफी पार्टनर रहे हाईटेक फोटोज एंड मूवीज और डीजे साउंड सोनू इवेंट “घूमर महाकुंभ – सीजन 2” ने यह साबित किया कि जब *परंपरा और आधुनिकता का संगम होता है, तो उत्सव केवल मनाया नहींजाता ,*इतिहास रचा जाता है।

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