अमेरिकी विमान से बुधवार को वापस लाए गए 104 निर्वासितों में शामिल लोगों ने दावा किया है कि पूरी यात्रा के दौरान उन्हें (निर्वासित प्रवासियों के) हथकड़ी और पैरों में बेड़ियां बांधी गईं तथा अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरने के बाद ही उन्हें हटाया गया। बताया जा रहा है कि इन लोगों को पैरों में बेड़ियों के चलते वाशरूम जाने में भी कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। हम आपको बता दें कि विभिन्न राज्यों से 104 अवैध प्रवासियों को लेकर एक अमेरिकी सैन्य विमान बुधवार को अमृतसर में उतरा। अवैध प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई के तहत डोनाल्ड ट्रंप सरकार द्वारा वापस भेजा गया यह भारतीयों का पहला जत्था है। इनमें से 33-33 हरियाणा और गुजरात से, 30 पंजाब से, तीन-तीन महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश से तथा दो चंडीगढ़ से हैं।
निर्वासित लोगों में 19 महिलाएं और 13 नाबालिग शामिल हैं, जिनमें एक चार वर्षीय लड़का और पांच व सात वर्ष की दो लड़कियां शामिल हैं। पंजाब के निर्वासित लोगों को अमृतसर हवाई अड्डे से पुलिस वाहनों में उनके मूल स्थानों तक ले जाया गया। वहीं गुजरात के 33 लोगों को लेकर एक विमान आज सुबह अहमदाबाद हवाई अड्डे पर उतरा। भारतीयों के साथ जिस तरह का अमानवीय बर्ताव किया गया वह बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन चुका है और संसद के दोनों सदनों में आज विपक्ष ने इस मुद्दे को उठाते हुए हंगामा किया जिससे कार्यवाही बाधित हुई।n जो लोग अमेरिका से वापस आये हैं उनमें से एक पंजाब के गुरदासपुर जिले के हरदोरवाल गांव के रहने वाले 36 वर्षीय जसपाल सिंह ने बताया कि 24 जनवरी को अमेरिकी सीमा पार करने के बाद उन्हें अमेरिकी सीमा गश्ती दल ने पकड़ लिया था।
अपने गृह नगर पहुंचने के बाद जसपाल ने बताया कि एक ट्रैवल एजेंट ने उनके साथ धोखाधड़ी की है, क्योंकि उनसे वादा किया गया था कि उन्हें कानूनी तरीके से अमेरिका भेजा जाएगा। जसपाल ने कहा, “मैंने एजेंट से कहा था कि वह मुझे उचित वीजा (अमेरिका के लिए) के साथ भेजे। लेकिन उसने मुझे धोखा दिया।” उन्होंने बताया कि सौदा 30 लाख रुपए में हुआ था। जसपाल ने दावा किया कि वह पिछले साल जुलाई में हवाई जहाज से ब्राजील पहुंचा था। उसने कहा कि वादा किया गया था कि अमेरिका की अगली यात्रा भी हवाई जहाज से ही होगी। हालांकि उसके एजेंट ने उसे “धोखा” दिया, जिसने उसे अवैध रूप से सीमा पार करने के लिए मजबूर किया।



