गाजा में इजराइल की बमबारी जारी, मृतकों की संख्या 17 हजार के पार पहुंची

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यरुशलम। इजराइल-हमास युद्ध के कारण गाजा में मारे गए लोगों की संख्या 17,700 को पार कर गई है जिनमें करीब दो तिहाई संख्या महिलाओं और बच्चों की है। हमास नियंत्रित क्षेत्र में स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी। इजराइल ने दक्षिणी गाजा पट्टी में शनिवार को हवाई हमले और गोलाबारी तेज कर दी। ये हमले अमेरिका द्वारा गाजा में मानवीय आधार पर तत्काल संघर्ष विराम की मांग करने वाले संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के खिलाफ वीटो का इस्तेमाल करने के एक दिन बाद हुए, जबकि इसे सुरक्षा परिषद के अधिकांश सदस्यों और कई अन्य देशों का समर्थन प्राप्त था। कुल 15 सदस्यीय परिषद में प्रस्ताव के पक्ष में 13 और विरोध में एक मत पड़ा जबकि ब्रिटेन अनुपस्थित रहा।
इजराइल ने कहा कि सात अक्टूबर को इजराइल पर हमास के हमले के बाद जमीनी कार्रवाई में उसके 97 सैनिक मारे गए हैं। हमास के सात अक्टूबर के हमले में करीब 1,200 लोगों की मौत हुई थी जिनमें ज्यादातर आम नागरिक थे और उसने 240 लोगों को बंधक बना लिया था। यमन में ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने धमकी दी है कि गाजा में भोजन और दवाओं की निर्बाध आपूर्ति जब तक सुनिश्चित नहीं की जाती, तब तक वह लाल सागर और अरब सागर से इजराइली बंदरगाहों की ओर जाने वाले हर पोत को रोकेगा। हूती विद्रोहियों ने पिछले सप्ताहों में लाल सागर में कई जहाजों पर हमला किया और इजराइल को निशाना बनाकर ड्रोन और मिसाइल हमले किए। गाजा के एक छोटे से हिस्से में मामूली मानवीय सहायता पहुंच पा रही है।
बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दबाव के बावजूद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन का प्रशासन युद्ध विराम का विरोध कर रहा है। उसका तर्क है कि इससे हमास इजराइल के लिए खतरा बना रहेगा। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने बताया कि प्रशासन ने इजराइल को 10.6 करोड़ अमेरिकी डॉलर से अधिक मूल्य के लगभग 14,000 राउंड टैंक गोला-बारूद की आपातकालीन बिक्री को मंजूरी दे दी है। अंतरराष्ट्रीय बचाव समिति और सात अन्य सहायता एजेंसियों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से तत्काल युद्ध विराम और हमास द्वारा बंधक बनाए गए लोगों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए एक प्रस्ताव पारित करने का आह्वान किया है। वहीं इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज ने शनिवार को फोन पर दक्षिणी गाजा में जमीनी आक्रमण को लेकर चर्चा की। शोल्ज के कार्यालय ने यह जानकारी दी। बयान में कहा गया है कि शोल्ज ने ‘‘इस बात पर जोर दिया कि गाजा पट्टी में लोगों तक अधिक मानवीय सहायता पहुंचनी चाहिए और यह विश्वसनीय आधार पर होना चाहिए’’।

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