इजराइल ने यमन की राजधानी सना में अब तक का सबसे बड़ा हवाई हमला किया, 8 लोगों की मौत

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सना। इजराइली सेना ने गुरुवार को दावा किया कि उसने यमन की राजधानी सना में अब तक का सबसे बड़ा हवाई हमला किया। यह हमला हूती विद्रोहियों के जनरल स्टाफ मुख्यालय और खुफिया तंत्र के परिसरों को निशाना बनाते हुए किया गया। इस हमला उस समय हुआ जब हूती नेता अब्देल-मलिक अल-हूती टीवी पर भाषण दे रहे थे। इजराइली सेना के प्रवक्ता ने बताया कि हवाई हमलों में दर्जनों लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल हुआ और कई हूती आतंकवादियों की मौत हुई। इजराइल के रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने बयान जारी कर कहा कि इन हमलों में हूती गुर्गों को बड़े पैमाने पर नष्ट किया गया। इजराइली सेना ने बताया कि यह कार्रवाई बुधवार को हूतियों द्वारा इजराइल के ईलात शहर में होटल पर किए गए हमले के जवाब में की गई। इसके अलावा, इजराइल ने यमन के बंदरगाह होदेदाह पर भी 12 हवाई हमले किए थे। अमेरिकी लड़ाकू विमानों ने अलास्का के पास चार रूसी विमानों को इंटरसेप्ट किया। नॉर्थ अमेरिकन एयरोस्पेस डिफेंस कमांड (NORAD) के मुताबिक, इनमें दो Tu-95 बॉम्बर और दो Su-35 फाइटर जेट शामिल थे। NORAD ने इन विमानों को पहचानने और रोकने के लिए F-16 जेट, KC-135 टैंकर और E-3 चेतावनी विमान तैनात किए। हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि यह गतिविधि सामान्य है और सीधा खतरा नहीं है।
यह इस साल का नौवां मामला है, जब रूसी विमान अमेरिका की एयर डिफेंस आइडेंटिफिकेशन जोन (ADIZ) में देखे गए। अगस्त में भी इसी इलाके में रूसी बॉम्बर और फाइटर जेट रोके गए थे। ADIZ एक अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र है जहां विमानों को सुरक्षा कारणों से अपनी पहचान बतानी होती है। NORAD का कहना है कि अब तक किसी रूसी विमान ने अमेरिकी या कनाडाई सीमा का उल्लंघन नहीं किया है। अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने दुनिया भर में तैनात सैकड़ों जनरल और एडमिरल्स को अगले मंगलवार वर्जीनिया में बैठक के लिए बुलाया है। यह बैठक क्वांटिको स्थित सैन्य ठिकाने पर होगी, लेकिन बैठक का एजेंडा अब तक स्पष्ट नहीं है। अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक न तो अधिकारी और न ही पेंटागन ने कारण बताया है कि आखिर इतने बड़े पैमाने पर बैठक क्यों बुलाई गई। कुछ अटकलें हैं कि यह फिटनेस टेस्ट, डिफेंस डिपार्टमेंट की स्थिति पर ब्रीफिंग या फिर अधिकारियों की सामूहिक बर्खास्तगी से जुड़ी हो सकती है। कई अधिकारियों ने सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है कि इतनी बड़ी संख्या में वरिष्ठ कमांडर एक ही जगह इकट्ठे होंगे। एक अधिकारी ने कहा कि जब तक कोई बड़ा सैन्य अभियान या पूरी कमांड संरचना बदलने का ऐलान नहीं होना है, इस बैठक का कोई वाजिब कारण समझ नहीं आता।

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