छत्रपति संभाजीनगर (महाराष्ट्र) । बीड जिले में सरपंच की हत्या को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे महाराष्ट्र के मंत्री धनंजय मुंडे ने शुक्रवार को दावा किया कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण किया जा रहा है। उन्होंने सवाल किया कि क्या उनका इस्तीफा देना पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने से ज्यादा महत्वपूर्ण है। मुंडे का यह बयान वंजारी समुदाय के आध्यात्मिक नेता नामदेव शास्त्री द्वारा उनके समर्थन में आवाज उठाने के बाद आया है। मुंडे और शास्त्री वंजारी समुदाय से हैं। भगवानगढ़ संस्थान के प्रमुख शास्त्री ने कहा कि मुंडे जबरन वसूली के पैसे पर जीवन-यापन करने वाले व्यक्ति नहीं हैं।
महाराष्ट्र में विपक्षी दलों के नेता पिछले महीने मस्साजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या से जुड़े जबरन वसूली के मामले में मुंडे के सहयोगी वाल्मिक कराड की गिरफ्तारी के बाद मंत्री पद से मुंडे के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। देशमुख का अपहरण करने के बाद नौ दिसंबर 2024 को हत्या कर दी गई थी क्योंकि वह बीड में एक ऊर्जा कंपनी से जबरन वसूली के प्रयास को रोकने की कोशिश कर रहे थे। जबरन वसूली के मामले में कराड को गिरफ्तार किया गया और वह न्यायिक हिरासत में है। मुंडे, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली कैबिनेट में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री हैं।
शास्त्री ने कहा, हत्या एक गांव का मामला था, लेकिन इससे सामाजिक माहौल खराब हुआ है। मुंडे वसूली के पैसे पर जीवन यापन करने वाले व्यक्ति नहीं हैं और पिछले 53 दिन से उनके खिलाफ मीडिया में अनाप-शनाप बातें कही जा रही हैं।’’ बाद में पत्रकारों से बात करते हुए मुंडे ने कहा, ‘‘हत्या के बाद से मीडिया ने मुझे निशाना बनाया है, लेकिन मैंने इस बारे में एक शब्द भी नहीं कहा है। मैंने नामदेव शास्त्री से राजनीति के बारे में बात नहीं की, बल्कि उनसे मेरी बातचीत धार्मिक मामलों पर थी।